कनाडा ने चीन को दिया तगड़ा झटका, धमकाने के आरोप में चाइनीज राजदूत को निकाल-बाहर किया

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ओटावा : चीन को कनाडा ने तगड़ा झटका दिया है. बीजिंग मामले में बोलने पर एक विधायक को धमकाने के आरोप में चीन के राजदूत झाओ वेई को कनाडाई सरकार ने देश से निष्कासित करने का ऐलान किया है. कनाडा के विदेश मंत्री मेलानी जोली की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि हम अपने आंतरिक मामलों में किसी भी प्रकार के विदेशी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अपने संकल्प पर दृढ़ हैं कि हमारे लोकतंत्र की रक्षा करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कनाडा में विदेशी राजनयिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस प्रकार का व्यवहार करते हैं, तो उन्हें घर भेज दिया जाएगा. उधर, चीन की सरकार ने कनाडा की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया है. उसने कहा है कि उसने न तो कनाडा के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप किया है और न ही ऐसा करने में उसे कोई दिलचस्पी ही है.

पांच दिनों के अंदर कनाडा छोड़ने का आदेश

अपनी ओटावा दूतावास की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में चीन ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय कानून और राजनयिक मानदंडों के उल्लंघन पर एक आधिकारिक विरोध दायर किया था और कनाडा पर अपने दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के साथ जानबूझकर संबंधों को कम करने का आरोप लगाया था. मामले से परिचित एक सूत्र के अनुसार, इस मामले के केंद्र में टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी झाओ वेई को पांच दिनों के भीतर कनाडा छोड़ने के लिए कहा गया है.

आरोपों पर चीन ने जताई नाराजगी

चीनी राजदूत झाओ वेई निष्कासन के बाद सांसद माइकल चोंग के नेतृत्व में स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट में प्रकाशित आरोपों पर नाराजगी जताई गई कि चीन की खुफिया एजेंसी ने फरवरी 2021 में मतदान के प्रतिबंधों के साथ हांगकांग में माइकल चोंग और उसके रिश्तेदारों को लक्षित करने की योजना बनाई थी. ग्लोब एंड मेल अखबार ने पिछले हफ्ते एक कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा कि यह लगभग निश्चित रूप से इस सांसद का एक उदाहरण बनाने और पीआरसी विरोधी स्थिति लेने से दूसरों को रोकने के लिए था.

चीन भी चुप नहीं बैठेगा

ओटावा में चीनी राजदूत ने बयान जारी करते हुए कहा कि बीजिंग ने कभी भी कनाडा के आतंरिक मामलों में दखलअंदाजी नहीं की है. बयान में ये भी कहा गया है कि दूतावास ने चीनी सरकार से इस मामले की शिकायत की है. वहीं बयान में ये भी कहा गया है कि चीन इस मामले पर जवानी कार्रवाई करेगा. अगर कनाडा इस मामले में लापरवाही से काम करता है तो चीन भी चुप बैठने वालों में से नहीं है.

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