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कोटा पहुंची एनआईए की टीम।
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के अरवल से आतंकी फंडिंग मामले में एनआईए की टीम में चौथे शख्स को गिरफ्तार किया है। इसकी पहचान अरवल जिले के थाना किंजर क्षेत्र के निरखपुर गांव निवासी आनंदी पासवान उर्फ आनंद पासवान (46) के रूप में हुई है। पिछले कई साल से पुलिस इसकी तलाश कर रही थी। इसपर बिहार के अलग-अलग थानों में आधा दर्जन से अधिक मामले में मामले दर्ज हैं। पिछले साल 12 फरवरी को इसके ठिकाने से अवैध हथियार और गोला बारूद बरामद हुए थे। इसके बाद से एनआईए की टीम एक्टिव हो गई थी। इसकी तलाश में छापेमारी चल रही थी।
प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही
बताया जा रहा है कि एनआईए को गुप्त सूचना मिली थी कि टेरर फंडिंग केस का आरोपी मगध जोन के अरवल जिले में छिपा है। इसके बाद टीम ने छापेमारी कर चौथे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोप लग रहे हैं कि बिहार के मगध क्षेत्र में प्रतिबंधित संगठन को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है। इससे लिए फंडिंग की जा रही है। मगध क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) कैडरों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किए जा रहे आतंकी वित्तपोषण नेटवर्क से संबंधित, 2021 में दर्ज मामले में आनंदी पासवान गिरफ्तार होने वाले चौथा आरोपी है। एनआईए ने इससे पहले तरूण कुमार, प्रद्युम्न शर्मा और अभिनव उर्फ गौरव को गिरफ्तार किया था।
विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों और ओडब्ल्यूजी के साथ संपर्क कर रहे थे
एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, सीपीआई (माओवादी), मगध क्षेत्र क्षेत्र में खुद को पुनर्जीवित करने के लिए अपने आपराधिक और हिंसक डिजाइनों को आगे बढ़ाने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की खरीद और नए कैडरों की भर्ती के लिए धन जुटाने की कोशिश कर रहा था। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि मगध इलाके में नक्सली गतिविधियों को पुनर्जीवित करने और मजबूत करने के लिए विभिन्न जेलों में बंद नक्सलियों और ओडब्ल्यूजी के साथ संपर्क कर रहे थे। इस मामले को एनआईए ने 30 दिसंबर, 2021 को स्वत: संज्ञान में लिया है। इसके बाद टीम लगातार कार्रवाई कर रही है।
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