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फाइल फोटो: बिट्टा कराटे
– फोटो : india today
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अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही जम्मू कश्मीर प्रदेश में बड़े बदलाव हुए हैं। आतंकवाद तथा भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए प्रदेश सरकार ने टेरर लिंक में 52 सरकारी अफसरों को बर्खास्त कर दिया। इनमें सैय्यद सलाहुदीन के बेटों सैय्यद अब्दुल मुईद, शाहिद युसूफ व सैय्यद अहमद शकील को बर्खास्त किया गया। अब्दुल मुईद जम्मू कश्मीर उद्यमिता विकास संस्थान ( जेकेईडीआई) में 2012 में मैनेजर के पद पर नियुक्त किया गया और 2013 से 2019 के बीच इस संस्थान में कई हमले हुए।
2016 में हुए हमले में कई सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के नाती व दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंटूश के बेटे अनीस उल इस्लाम को महत्वपूर्ण संस्थान शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के रिसर्च आफिसर पद से हटाया गया।
जमात ए इस्लामी के सदस्य व सक्रिय आतंकी रहे कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रो. अल्ताफ हुसैन पंडित, खूंखार आतंकी फारूक अहमद शाह उर्फ बिट्टा कराटे की पत्नी व केएएस अफसर अशबाह-उल-रजामंद को जेकेएलएफ आतंकियों व अलगाववादी संगठनों से जुड़ाव के लिए बाहर का रास्ता दिखाया गया।
शोपियां के आशिया व नीलोफर की स्वाभाविक मौत मामले में पाकिस्तान तथा आईएसआई के इशारे पर रेप व हत्या की फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले डॉ. निगहत शाहिन चिल्लू व डॉ. बिलाल अहमद दलाल को बर्खास्त किया गया।
इस फर्जी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से घाटी में कई महीने तक हिंसा की आग भड़कती रही। अभी और भी दागी सरकार के निशाने पर हैं, जिनकी जांच चल रही है। आतंकवाद के इको सिस्टम पर भी प्रहार करना शुरू किया गया है।
आतंकियों की संपत्तियों को कब्जे में लेने के साथ ही मकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। किश्तवाड़ में 36 आतंकियों के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस जारी किया गया है। यह आतंकी पाकिस्तान में बैठकर यहां नेटवर्क चला रहे हैं।
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