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पितृ दोष दूर करने के लिए हर माह अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करें. इसके साथ ही पितरों का श्राद्ध करने पर भी पितृ दोष से छुटकारा मिल सकता है.

सूर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है. इस चलते कुंडली में लगे पितृ दोष को दूर करने के लिए रोजाना सुबह सूर्य देव को अर्घ्य दें.

पितृ दोष से छुटाकारा पाने के लिए पीपल को जल चढ़ाएं. इसके अलावा, अक्षत, दूध और गंगाजल अर्पित करें.

पूजा के दौरान अपने पूर्वजों के समक्ष हाथ जोड़कर अपनी गलतियों की क्षमा याचना करें. इससे पूर्वजों की नाराजगी और क्रोध दूर होता है.

गोधुलि बेला का समय वह समय होता है, जब गाय अपने पीछे धुलि उड़ाते हुए घर की ओर बढ़ती है. इसीलिए इसे गोधुलि बेला कहते हैं.
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