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नवजात की मौत के बाद रोते-बिलखते परिजन
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के नालंदा के सदर अस्पताल के एसएनसीयू के वार्ड में इलाजरत आठ दिन के नवजात बच्चे की गुरुवार की सुबह मौत हो गई। इसके बाद परिजनों की चीत्कार अस्पताल परिसर में गूंजने लगी। इसके बाद परिजन डॉक्टर पर इलाज में कोताही बरतने का आरोप लगा हंगामा करने लगे। मामला बढ़ने पर पुलिस को बुलाना पड़ा।
परिजनों ने बताया कि मां के पास से बच्चे को तीन बजे सुबह डॉक्टर के पास एसएनसीयू वार्ड में ले जाया गया। गार्ड द्वारा बताया गया कि डॉक्टर साहब सो रहे हैं। एसएनसीयू में तैनात डॉक्टर को उठाने का काफी प्रयास किया गया। लेकिन वे नींद से नहीं उठे। बच्चे को बिना इलाज के यूं ही छोड़ दिया गया। इसके कारण नवजात बच्चे की मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक, पटना जिला के फुलवारी शरीफ निवासी मोहम्मद ईजाद वर्तमान में अपने ससुराल सिलाव थाना क्षेत्र के कड़ाह गांव में रहते हैं। आठ दिन पहले प्रसव पीड़ा के कारण उसने अपनी पत्नी को बिहार शरीफ सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। अचानक बीती रात बच्चे को तेज बुखार आया। उसके बाद उसे लाकर एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना इलाज किए ही उन लोगों को कहा कि जो पहले से दवा चल रही है, उसे ही खिला दें।
फिलहाल नवजात की मां सदर अस्पताल में ही बड़ा ऑपरेशन होने की वजह से भर्ती है। वहीं, परिजनों के द्वारा हंगामा किए जाने के बाद बिहार थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा दिला मामले को शांत कराया। फिर परिजन नवजात बच्चे का शव अपने साथ लेकर चले गए।
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि नवजात बच्चे का इलाज डॉक्टर की देखरेख में एसएनसीयू के वार्ड में चल रहा था। गलत नली में मां का दूध जाने के कारण बच्चे की मौत हुई है। परिजनों का आरोप बेबुनियाद है। वहीं, नगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने कहा कि लिखित आवेदन मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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