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एसपी विनय तिवारी और पुलिस टीम
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार के समस्तीपुर के मोहनपुर एसएचओ नंद किशोर यादव हत्याकांड में जिला एसआईटी की टीम ने चिन्हित बदमाशों में से चार को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से हत्या के दौरान प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद की गई है। गिरफ्तार बदमाशों की पहचान शान बिगहा के विकास कुमार, गराई बिगहा के मो. रईस, भवानी बिगहा के धनंजय यादव और खुशबूपुर थाना निवासी रवि कुमार के रूप में की गई है।
घटनास्थल शहवाजपुर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान एसपी विनय तिवारी ने बताया कि गिरफ्तार चारों बदमाशों को अब जेल भेजा जा रहा है। जबकि इस घटना में फरार अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी राज्य और राज्य के बाहर लगातार छापेमारी कर रही है। फरार छह बदमाशों में चार काफी कुख्यात हैं। सभी लोगों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसपी ने बताया कि बरामद हथियार की फोरेंसिक लैब में जांच कराई जाएगी। ताकि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। एसपी ने बताया कि रात को सभी आरोपियों की समस्तीपुर में गिरफ्तारी हुई है। वे सभी रात में फिर पशु चोरी की नीयत से आए हुए थे।
चोरी किए पशुओं का दो तरह का करते थे उपयोग
एसपी ने बताया कि नालंदा के रहने वाले इन चोरों का संगठित गिरोह है, जिसमें 25-30 लोग हैं। उनके पास वाहन के साथ ही हथियार भी हैं। ये लोग चोरी किए गए पशुओं को दो तरह से खपाते थे। जो पशु दुधारू नहीं होते थे, उन्हें कराय बाजार कटाने के लिए भेज देते थे। वहीं, दुधारू पशुओं को विभिन्न एजेंट के माध्यम से बेचने का काम करते थे। गिरोह के सदस्य अलग-अलग तरीके से कार्य को अंजाम देते थे। एसपी ने बताया कि पशु कहां काटे और बेचे जाते थे, उसकी पूरी जानकारी मिल गई है। पूरे रैकेट की गिरफ्तारी के लिए संबंधित थाने की मदद ली जाएगी।
15 अगस्त को तड़के करीब 3 बजे हुई थी हत्या
गत 15 अगस्त को तड़के 2.50 बजे उजियारपुर थाने के शहबाजपुर गांव के पास पशु तस्करों ने छापेमारी के दौरान मोहनपुर एसएचओ नंद किशोर यादव को गोली मार दी थी। बाद में उपचार के दौरान पटना में उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में उजियारपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एसपी ने बताया कि शहीद दारोगा नंदकिशोर यादव के परिजनों को सभी प्रकार के सरकारी लाभ 10 दिनों के अंदर दिलाने के लिए अलग से एसआईटी बनाई गई थी। एसआईटी ने सभी कागजी कार्य पूरे कर लिए। एक सप्ताह के अंदर सभी लाभ प्रदान कर दिए जाएंगे। उनमें मृतक के आश्रित को सरकार द्वारा दस लाख रुपये के साथ ही अन्य लाभ और मृतक की पत्नी को अनुकंपा पर नौकरी शामिल है।
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