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पुलिस अभी डमी काफिले चलाकर होटलों से प्रगति मैदान तक लगने वाले समय का कर रही पता
10 से 20 गाड़ियां होती हैं हर काफिले में
पुरुषोत्तम वर्मा
नई दिल्ली। दिल्ली व गुरुग्राम के होटलों से विदेशी मेहमानों के काफिले हर रोज सुबह-सुबह चलते हैं। यह प्रगति मैदान व अन्य वेन्यू पर पहुंचते हैं। इसके बाद फिर प्रगति मैदान से वापस होटल पहुंचते हैं। हालांकि, जी20 सम्मेलन 9 सितंबर से है, मगर उस समय जो विदेशी मेहमान व देश के प्रमुखों के काफिले चलेंगे, उनकी रिहर्सल अभी से शुरू कर दी गई है। अभी डमी काफिले चलाकर होटल से वेन्यू प्रगति मैदान व प्रगति मैदान से होटल तक लगने वाले समय का पता किया रहा है। साथ ही काफिलों को चलाने वाले रूट की पहचान की जा रही है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के लिए लगने वाले रूट के चलते बड़े पैमाने पर जाम लग जाता है, जबकि जी20 सम्मेलन के दौरान तो 31 से 35 काफिले एक साथ चलेंगे। ये काफिले आपस में क्रॉस कर टकरा न जाएं या फिर जाम लग जाए तो एक साथ एक समय पर इतने काफिले होटलों से कैसे पहुंचेंगे। होटल से चलकर किस काफिले को प्रगति मैदान में कहां या किस गेट पर पहुंचना है, किस देश के प्रमुख की कार कहां रुकेगी, कहां पार्क होगी और कैसे उन्हें वेन्यू तक पहुंचाया जाएगा। रूट व वेन्यू की सुरक्षा क्या होगी। होटल से प्रगति मैदान तक काफिले को कितना समय लगेगा और किस काफिले को किस रूट से प्रगति मैदान पहुंचाया जाएगा। ये सब करने के लिए दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने काफिलों की रिहर्सल शुरू कर दी है। हर काफिले में 10 से 20 गाड़ियां होती हैं। साथ ही एक पुलिस उपायुक्त भी साथ होता है। इस काफिले को होटल से चलाया जाता है और प्रगति मैदान पहुंचता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार रिहर्सल में यह देखा जा रहा है कि विदेशी मेहमानों के काफिले किस स्पीड से कितने समय में प्रगति मैदान पहुंच जाएंगे। ऐसा कर जी20 सम्मेलन के दौरान काफिले को संभालने, ट्रैफिक को संभालने और समय का पूरा पता लग जाएगा।
सुबह 4 बजे की जाती है रिहर्सल
दिल्ली पुलिस अधिकारियों के अनुसार, रिहर्सल सुबह 4 बजे की जा रही है। सभी पुलिसकर्मी सुबह 4 बजे अपने-अपनी तैनाती पर पहुंच जाते हैं। बताया जा रहा है कि 35 हजार पुलिसकर्मियों को जी20 सम्मेलन में लगाया गया है। रिहर्सल सुबह 4 बजे इसलिए की जा रही है ताकि सुबह सड़कों पर ट्रैफिक नहीं होता है। सड़कें खाली मिल जाती हैं। हालांकि काफिले के लिए रूट लगता है। किसी कट व चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात किए जाते हैं। रिहर्सल सुबह 11 बजे तक चलती है।
हर काफिले को एक नंबर दिया
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हर देश के काफिले को एक नंबर दिया गया है। ये नंबर प्रगति मैदान की उस जगह को दिया गया है जहां वह काफिला पहुंचेगा। ये भी कहा जा रहा है कि रूट को भी नंबर दिए जाएंगे। नंबर देने से काफिलों को संभालना आसान होगा।
ट्रैफिक के कड़े नियम लागू होंगे
9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी-20 आयोजनों के लिए सुचारु और कुशल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने में दिल्ली यातायात पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सार्वजनिक सुरक्षा और आम जनता की सुविधा के हित में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली विशेषकर नई दिल्ली जिले और इसके आसपास के क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर विस्तृत नियम लागू होंगे। चिकित्सा आपातकालीन वाहनों को पूरी दिल्ली में परेशानी मुक्त आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी।
प्रमुख देशों के प्रमुखों के रूट को संभालेंगी 650 महिला पुलिसकर्मी
दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) एसएस यादव ने बताया कि जी20 के दौरान यातायात प्रबंधन के सुचारु क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में महिला यातायात कर्मी ट्रैफिक संभालेंगी। पुलिसकर्मियों की तैनाती महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। जी20 आयोजनों के लिए महिला पुलिसकर्मियों की बड़े पैमाने पर तैनाती की जा रही है। अति विशिष्ट अतिथि मार्ग के साथ-साथ आयोजन स्थलों पर यातायात की स्थिति के प्रबंधन के लिए विभिन्न रैंकों की कुल 650 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। इनमें पुलिस उपायुक्त और उससे ऊपर की रैंक के 5 वरिष्ठ अधिकारी, 11 सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी), 13 इंस्पेक्टर और 621 अन्य रैंक के पुलिसकर्मी जैसे एसआई, एएसआई, हवलदार व सिपाही शामिल हैं। यातायात व्यवस्था की तैनाती के लिए महिला कर्मचारियों की व्यवस्था यातायात इकाई और अन्य इकाइयों से भी की गई।
यातायात संभालने व अच्छे व्यवहार की मिली ट्रेनिंग
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान यातायात प्रबंधन को संभालने के लिए महिला यातायात पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। महिला पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक को बेहतर तरीके से संभालने और अच्छा व्यवहार करने की ट्रेनिंग दी गई है।
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