गोरखपुर विश्वविद्यालय: कुलपति के सामने लड़खड़ाई व्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती, लोगों की बढ़ी उम्मीदें

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Gorakhpur University Challenge to bring the faltering system back on track before Vice Chancellor

गोरखपुर विश्वविद्यालय की नई कुलपति प्रो. पूनम टंडन।
– फोटो : अमर उजाला।

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दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रवेश, परीक्षा, परिणाम और शोध कार्य समेत अन्य पठन-पाठन की व्यवस्था इन दिनों लड़खड़ाई हुई है। विश्वविद्यालय की नव नियुक्त कुलपति प्रो. पूनम टंडन के सामने पूरी व्यवस्था को पटरी पर लाना चुनौती होगी। इसके अलावा अनियमित सत्र को पटरी पर लाने के साथ विश्वविद्यालय में चल रहे आंतरिक कलह से भी पार पाना होगा।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक एवं कर्मचारियों को नवनियुक्त कुलपति से काफी उम्मीदें हैं। विश्वविद्यालय में इन दिनों छात्रों के सामने प्रवेश, परीक्षा और समय से परिणाम सबसे बड़ी समस्या है। चौथे सेमेस्टर में पहुंचे छात्रों को अबतक प्रथम सेमेस्टर का अंक पत्र तक नहीं मिला है। इसके अलावा विद्यार्थियों को डिग्री को लेकर भी परेशान होना पड़ रहा है। आवेदन करने के बाद उनको एक से दो माह तक का समय डिग्री मिलने में लग जा रहा है।

प्री-पीएचडी परीक्षा-2019 के अलावा वर्ष 2023 में हुई प्री पीएचडी परीक्षा में गड़बड़ी को दुरुस्त कराना भी नव नियुक्त कुलपति लिए एक चुनौती होगी। इन सबके साथ विश्वविद्यालय की आय को बढ़ाने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है। किसी भी संस्थान की धरोहर उसकी बैंक में जमा एफडी होती है। चर्चा है कि कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल में एफडी तोड़कर रकम खर्च कर दिया गया।

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