रेल कोच हादसा: शाम को दादी-पोती ने कहा, हम सब ठीक हैं… सुबह मौत की खबर आई

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Grand mother and daughter died in Madurai rail Coach accident.

अंतिम समय तक साथ रही दादी-पोती।
– फोटो : amar ujala

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मदुरै में चेन्नई स्पेशल के टूरिस्ट कोच में आग से जान गंवाने वालों में चौक इलाके के मनोज अग्रवाल की मां मनोरमा अग्रवाल (81) व बेटी हिमानी बंसल (22) भी शामिल हैं। मनोरमा दक्षिण भारत तीर्थाटन के लिए जाना चाहती थीं, इसलिए मनोज ने मां के साथ बेटी को भी भेज दिया था। मां और बेटी की मौत से पूरा परिवार सदमे में है।

बान वाली गली में रहने वाले मनोज शेयर ट्रेडिंग कंपनी से जुड़े हैं। वह बिलखते हुए कहते हैं, मां दर्शन के लिए जाना चाहती थी, इसलिए बेटी को भी उनकी देखरेख के लिए भेज दिया। क्या पता था कि दोनों के अब शव आएंगे…। इतना कहते-कहते हुए वह फूट-फूट कर रोने लगे। रुंधे गले से फिर वह कहते हैं, शुक्रवार शाम बेटी को फोन किया तो उसने बताया कि हम लोग चेन्नई से मदुरै आ चुके हैं…। हम सकुशल हैं…। सुबह 7.30 बजे मां को फोन किया तो उनका नंबर बंद था। बेटी को फोन लगाया तो किसी और ने उठाया।

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बस इतना समझ में आया कि वह पुलिसवाला है और फोन थाने पर जमा है। इसके बाद रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया तो वहां जानकारी मिली। वहां से बताया गया कि रविवार दोपहर तक शवों को भेज दिया जाएगा। यह जानकारी मिली है कि मदुरै से चेन्नई तक सड़क मार्ग से लाया जाएगा उसके बाद फ्लाइट से लखनऊ जाया जाएगा। वहीं, मनोज की पत्नी प्रीति की जुबां से बोल नहीं फूट रहे।

सूनी रह गई शिवम की कलाई

मनोज ने बताया कि हिमानी के अलावा उनका एक बेटा शिवम है। वह गाजियाबाद में नौकरी करता है। कुछ दिन पहले वह घर आया है। वह खुश था कि बहन 30 को लौट आएगी। शिवम कहता है, मैंने सोचा था कि राखी बंधवाने के बाद वापस गाजियाबाद जाऊंगा, पर …? इतना कहते ही उसकी आंखें नम हो जाती हैं।

हिमानी जल्द ज्वॉइन करने वाली थी नौकरी

मनोज के ही एक रिश्तेदार प्रदीप ने बताया कि हिमानी ने बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय से एमसीए किया था। एक प्राइवेट कंपनी में उसकी नौकरी भी लग गई थी। उसका ज्वॉइनिंग लेटर भी आ चुका है। कुछ दिन बाद ही उसको ज्वॉइन करना था। पढ़ाई से उसका बेहद लगाव था। वह खाली बैठना पसंद नहीं करती थी। एमसीए करने के बाद कुछ महीने से वह घर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ा रही थी।

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