राममंदिर शिलापूजन कराने वाले आचार्य ने रक्षाबंधन पर भ्रमित करने वालों को सुनाई खरीखोटी, बोले- 31 को बांधे राखी

[ad_1]

पौराणी भद्रा शनि देव की बहन और क्रूर स्वभाव वाली है. ज्योतिष में भद्रा को एक विशेष काल कहते हैं. भद्रा काल में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य शुरू नहीं करने की सलाह सभी ज्योतिषी देते हैं. शुभ कर्म जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षाबंधन पर रक्षा सूत्र बांधना आदि शामिल है. सरल शब्दों में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि सूर्य देव और छाया की पुत्री भद्रा का स्वरूप बहुत डरावना है. इस कारण सूर्य देव भाद्रा के विवाह के लिए बहुत चिंतित रहते थे. भद्रा शुभ कार्यों में बाधा डालती थी. भाद्रा के ऐसे स्वभाव से चिंतित होकर सूर्य देव ने ब्रह्मा जी से मार्गदर्शन मांगा था. उस समय ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा था कि अगर कोई व्यक्ति तुम्हारे समय में कोई शुभ काम करता है, तो तुम उसमें बाधा डाल सकती हो. लेकिन जो लोग तुम्हारा काल छोड़कर शुभ काम करते हैं तो तुम उनके कार्यों में बाधा नहीं डालोगी. इस वजह से भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *