Bihar: खून-पसीने की कमाई से बनाए अपने मकानों को लोग अपने हाथों तोड़ने को मजबूर; जानें क्या है मामला

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Fearing erosion of Bagmati river, people forced to demolish own houses in Sitamarhi; 11 houses washed away

बागमती नदी की बाढ़ से हो रहे कटाव को देखते हुए लोग खुद ही अपने घर तोड़ने पर मजबूर हैं
– फोटो : अमर उजाला

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बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेजरगंज रसूलपुर के लोग एक बार फिर अपने हाथ से बनाए घरों को फिर खुद ही तोड़ने को मजबूर हो गए हैं। दरअसल, बागमती नदी के तेज कटाव के कारण बीते 60 घंटों में गांव के ठाकुरपट्टी टोला के करीब 11 लोगों के घर कटकर नदी में विलीन हो चुके हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि विगत चार वर्षों से हम कटाव झेल रहे हैं। पिछले साल गांव के 24 लोगों के घर नदी में बह गए थे। इस बार अभी तक 11 लोगों के घर नदी में समा गए। वहीं, संपूर्ण गांव पर कटाव का खतरा बना हुआ है। कटाव से सुरक्षा को लेकर किया गया कार्य फेल हो चुका है। पहले बाढ़ में ही सुरक्षा व्यवस्था में कमी की गई थी।

कटाव से संपूर्ण गांव चिंतित

जानकारी के मुताबिक, अब गांव के सभी लोग कटाव से चिंतित है और सभी नए स्थान पर बसने का विकल्प खोज रहे हैं। इस वर्ष अगस्त के पहले सप्ताह में ही बागमती में आई बाढ़ और कटाव की स्थिति देखकर सभी लोग घरों को खाली कर चुके थे। लेकिन उस समय घरों का कटाव नहीं हो रहा था। लेकिन, इस बार बाढ़ में सभी घर एक-एक करके नदी में कटते चले जा रहे हैं। लोगों ने इस आपात्काल में गांव के ही विद्यालय में सामान ले जाकर शरण ली हुई है। 11 विस्थापित परिवारों में से छह गांव में ही जमीन की व्यवस्था कर आशियाना बनाने के प्रयास में लगे हैं। वहीं, शेष पांच लोग ढेंग गांव और बांध के बीच अपने संबंधियों से जमीन लेकर उसमें आशियाना बनाने की तैयारी कर रहे हैं।

इन लोगों के घर नदी के कटाव में बहे

फिलहाल सरकारी स्तर पर घर छोड़ने के बाद पीड़ित परिवार को केवल प्लास्टिक मुहैया कराया गई है। वहीं, सामान रखने के लिए विद्यालय में जगह दी जा सकी है। विस्थापित लोग अपने सगे संबंधियों के यहां किसी प्रकार गुजारा कर रहे हैं। साथ ही किसी प्रकार नया आशियाना बनाने की जुगत में लगे हैं। रसूलपुर गांव के ठाकुरपट्टी टोल के अरुण ठाकुर, दशरथ ठाकुर, नवल ठाकुर, चंदन ठाकुर, श्रवण ठाकुर, अरविंद ठाकुर, गुड्डू ठाकुर, राजीव ठाकुर, प्रिया रंजन ठाकुर और गुंजन कुमार समेत अन्य का घर इस बार की बाढ़ में कट चुका है।

इस बारे में मेजरगंज अंचलाधिकारी कृष्ण प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष के कटाव से विस्थापित सभी 24 लोगों को क्षतिपूर्ति के लिए मदद मुहैया कराई गई थी। इस बार के 11 लोगों की सूची भी आगे की कार्रवाई के लिए जिले में भेज दी गई है। सभी विस्थापितों को प्लास्टिक मुहैया करा दी गई है। अन्य सहायता पर विचार किया जा रहा है। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

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