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संजय प्लेस, आगरा
– फोटो : अमर उजाला
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ताजनगरी आगरा के संजय प्लेस में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को 200 के पार खराब श्रेणी में पहुंच गया। हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है। एक्यूआई 203 दर्ज किया गया। संजय प्लेस की हवा अस्थमा व गंभीर सांस रोगियों के लिए अधिक खतरनाक हो गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक संजय प्लेस में रविवार को पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 की मात्रा औसत 202 और अधिकतम (सुबह के समय) 321 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज की गई। जबकि पीएम-10 का औसत 131 और अधिकतम 180 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा। शनिवार को संजय प्लेस में एक्यूआई 200 के स्तर पर था। जबकि शहर में एक्यूआई रविवार को 139 दर्ज किया गया। वाहनों के धुएं, कूड़े में आग लगाने, धूल कणों से पीएम-2.5 और पीएम-10 का स्तर बढ़ रहा है।
मास्क लगाकर ही निकलें सांस रोगी
एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय व वक्ष रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जीबी सिंह का कहना है कि पीएम 2.5 का स्तर बढ़ना अधिक खतरनाक है। मौजूदा स्तर पर अस्थमा व गंभीर सांस रोगियों (सीओपीडी वाले) के लिए खतरा है। उनको सांस लेने में समस्या, खांसी व सीने में जकड़न के साथ अस्थमा अटैक की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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साथ ही लंबे समय तक पीएम-2.5 का स्तर अधिक रहने से कैंसर, हार्ट अटैक व स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि सांस व अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण वाली जगह जाने से बचना चाहिए। जरूरी होने पर जाएं भी तो एन-95 मास्क लगाएं। मरीज इन्हेलर के डोज को कम न करें। अपनी दवाएं समय से लेते रहें।
जिले में ग्रैप लागू है
आगरा प्रदेश के नॉन अटेनमेंट शहरों में शामिल है। वायु प्रदूषण बढ़ने पर नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू किया गया है। इस संबंध में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंचने पर कूड़ा जलाने पर रोक लगाने और डीजल जनरेटर का इस्तेमाल कम कराने आदि कदम उठाए जाने हैं।
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