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                        बंदर।
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
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उत्तर प्रदेश के आगरा में दो अलग-अलग घटनाओं में बंदर के बच्चों की माताओं की करंट लगने से मौत हो गई। एक 15 दिन का बच्चा और एक 20 दिन की बंदर की बच्ची अनाथ हो गई। इन बच्चों का सहारा वाइल्ड लाइफ एसओएस रैपिड रिस्पांस यूनिट बनी। बच्चों का पहले चिकित्सकीय इलाज किया गया। साथ में प्राकृतिक माहौल दिया गया। दोनों अनाथ बच्चे अब एक-दूसरे का सहारा बन गए है।
शहर में बंदरों से बचने के लिए लोग अपने घरों की बाउंड्री पर करंट के तार लगा रहे है, जो बंदरों के लिए जानलेवा साबित हो रहे है। सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि इन बंदर के बच्चों की माताओं की करंट लगने से राजा मंडी और संजय प्लेस क्षेत्र में मौत हो गई थी।
लोगों की सूचना पर यूनिट के सदस्य मौके पर पहुंचे थे। वह दोनों बंदर के बच्चों को ले आए। अब यह बच्चे एक-दूसरे के सहारे बड़े हो रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर डॉ.एस इलियाराजा ने बताया कि बंदर के दोनों बच्चे काफी छोटे है। इसलिए देखभाल करना आसान काम नहीं। बच्चों को ताजे फलों के साथ नियमित अंतराल पर दूध भी दिया जा रहा है।
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