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                        जगदीशपुरा थाना
                                    – फोटो : अमर उजाला 
                    
विस्तार
                                
उत्तर प्रदेश के आगरा में करोड़ों की जमीन कब्जाने के लिए फर्जी केस में परिवार को जेल भेजने वाले तत्कालीन एसओ जगदीशपुरा जितेंद्र कुमार और बिल्डर पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। इसमें मदद के बहाने होटल में बुलाकर धमकी देने का आरोप लगाया गया है। मामले में शिकायत मिलने पर डीसीपी सिटी ने जांच की थी। होटल में जितेंद्र कुमार के होने के प्रमाण मिलने पर कार्रवाई की गई।
मुकदमा स्टेशन रोड, यमुना ब्रिज निवासी धर्मेंद्र सिंह ने दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि वह पीड़ित रवि कुशवाह के परिवार की मदद कर रहे हैं। इसके लिए अधिकारियों से लेकर कागजी कार्रवाई में लगे हैं। लखनऊ तक भी गए थे।
आरोप लगाया कि पांच जनवरी को तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार का फोन आया। मदद कराने के लिए होटल पीएल पैलेस में बुलाया। वह अपने भाई, रवि के परिवार के मोहित और एक अन्य के साथ कार से पहुंचे। मोहित को कार में बैठा छोड़ दिया। जितेंद्र कुमार तीनों को होटल में ले गए।
कमरे में बिल्डर कमल चौधरी मिले। उन्होंने कहा कि तुम केस की पैरवी ज्यादा कर रहे हैं। इसको छोड़ दो। हम तुम्हें अच्छी रकम दे देंगे। इससे जिंदगीभर बैठकर खाओगे। इस पर धर्मेंद्र ने मना कर दिया। केस की पैरवी से हटने से इन्कार पर बिल्डर ने धमकी दी। कहा कि उमा देवी का नाम खतौनी से हटवा दिया है। तुम अपनी फिक्र करो। इस मामले में जान से मारने की धमकी की धारा में जितेंद्र कुमार और कमल चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जितेंद्र कुमार की मिली मौजूदगी
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि धमकी देने की शिकायत पर होटल में सीसीटीवी कैमरों के फुटेज देखे गए। पीड़ित ने जो समय बताया था, उस समय के फुटेज में पता चला कि तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार आए थे। उनकी मौजूदगी होटल के अंदर ही थी। वहीं कमल चौधरी के आने के प्रमाण नहीं मिले हैं। आशंका है कि वह पहले से होटल के कमरे में मौजूद रहा होगा। इसलिए अब पहले के फुटेज भी देखे जा रहे हैं। इन्हें विवेचना में शामिल किया जाएगा।
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