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आगरा पुलिस की गाड़ी (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा के जगनेर में शुक्रवार रात ब्रह्मकुमारी आश्रम में सगी बहनों एकता और शिखा ने आत्महत्या कर ली। दोनों बहनों ने आत्महत्या से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा है। दोनों बहनों के शव छत पर लगे पंखों के हुक से साड़ी के फंदे पर लटके मिले। बहनों ने सुसाइड नोट में आश्रम के चार कर्मचारियों को अपनी मृत्यु का जिम्मेदार ठहराया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
जगनेर में ब्रह्मकुमारीज सेंटर में आत्महत्या करने वाली बहनों ने आठ साल पहले माउंटआबू में दीक्षा ग्रहण की थी। उनको कसबा में ही ब्रह्मकुमारीज सेंटर बनवाने का जिम्मा सौंपा गया था। बहनों ने सेंटर बनवाने के लिए काफी मेहनत की। मथुरा स्थित अपना प्लॉट भी सात लाख में बेचकर रकम लगाई।
तांतपुर की एकता (38) और शिखा (32) ने सुसाइड नोट में अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने नीरज, उसके पिता ताराचंद, गुड्डन व ग्वालियर की महिला पर आरोप लगाया। एकता के नाम से मिले तीन पेज के सुसाइड नोट की शुरूआत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए की है।
आरोप लगाया कि नीरज माउंटआबू में रहता है। वह जगनेर में सेंटर बनने के बाद कभी आया नहीं। एक साल से दोनों टेंशन में जी रही थीं। नीरज धोखा दे रहा था। उन्होंने यह भी लिखा कि हमारी मौत के बाद सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दे दिया जाए। आरोपियों को आजीवन कारावास दिया जाए।
एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने बताया कि मामला आत्महत्या का है। दो सुसाइड नोट भी मिले हैं। इनमें ग्वालियर और माउंटआबू के सेंटरों के लोगों सहित 4 पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जांच की जा रही है।
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