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जहरीली शराब
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
वर्ष 2021 में प्रदेश भर की सुर्खियों में रहे जहरीली शराब कांड के मुख्य आरोपियों में शामिल शराब माफिया अनिल चौधरी पर भी रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। एसएसपी की रिपोर्ट पर डीएम के अनुमोदन के आधार पर रविवार को आगरा केंद्रीय कारागार में निरुद्ध अनिल चौधरी पर रासुका तामील कराया गया। बता दें कि इस कांड में तीसरे मुख्य आरोपी पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। इससे पहले ऋषि शमा व मुनीष शर्मा पर रासुका लगाया था, जिसमें ऋषि पर रासुका पुष्ट भी हो चुका है।
अलीगढ़ में 2021 में जहरीली शराब कांड हुआ था। इसमें जिले के थाना लोधा, खैर, गभाना, पिसावा, टप्पल, जवां, क्वार्सी, गांधीपार्क, महुआखेड़ा समेत कई थाना क्षेत्रों में जहरीली शराब पीने से 100 से भी अधिक लोगों की मौत हो गई थी। इस प्रकरण की गूंज शासन तक पहुंची थी। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए कुल 33 मुकदमे दर्ज कर करीब 89 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कई शराब ठेकों के लाइसेंस निरस्त किए गए। कई लोगों को शराब माफिया भी घोषित किया गया था। गोंडा के धारा की गढ़ी के रहने वाले जिला पंचायत सदस्य पति शराब माफिया अनिल चौधरी भी इनमें शामिल हैं।
अनिल वर्तमान में आगरा केंद्रीय कारागार में निरुद्ध है। इस कांड में अनिल पर 17 करीब मुकदमे दर्ज हैं। अधिकांश मुकदमों में अनिल की जमानत हो चुकी है। इसी क्रम में जिला पुलिस द्वारा रासुका की रिपोर्ट तैयार की गई। इस पर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने पूरी रिपोर्ट अनुमोदन के लिए डीएम इंद्र विक्रम सिंह को भेजी। डीएम ने इस पर संस्तुति दे दी। इसी आधार पर रविवार को आगरा जेल में अनिल पर रासुका तामील कराया गया है। बता दें कि इससे पहले इस मामले में पूर्व ब्लाक प्रमुख पति ऋषि व उसके भाई मनीष पर रासुका लगा है। जिसमें से ऋषि पर रासुका कन्फर्म है। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने अनिल पर रासुका लगाए जाने की पुष्टि की है।
घटना वाले दिन अनिल की सबसे पहली गिरफ्तारी
इस कांड में 27 मई 2021 की रात से मौत होना शुरू हुआ था। 28 मई की तड़के पुलिस को खबर लगी और अधिकारी लोधा के गांव करसुआ पहुंचे। कुछ घंटों के प्रयास के बाद अनिल चौधरी का नाम प्रकाश में आया और उसको गिरफ्तार किया गया। बाद में खुलासा हुआ कि इस मामले में तालानगरी के कारोबारी बिजेंद्र कपूर की फैक्टरी से खरीदे गए केमिकल से अकराबाद क्षेत्र में विपिन यादव, शिवकुमार, गंगाराम, अनिल, ऋषि आदि मिलकर एक फैक्टरी चला रहे थे। उसमें बनाई गई शराब अवैध तरीके से सरकारी ठेकों के जरिये बेची गई और उसे पीकर लोगों की मौत हुई।
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