Aligarh News: टिर्री के ऊपर बैठकर केशवदेव पहुंचे पार्षद का पर्चा भरने, जूतों की माला पहनकर किया था प्रचार

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Sitting on top of Tirri Keshavdev reached to fill the form of councilor

नामांकन करने टिर्री के ऊपर बैठकर जाते केशवदेव
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

चुनाव में अलग ढंग से नामांकन या प्रचार करने के मामले हर बार सामने आते हैं। यूपी नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में अलीगढ़ से भी एक प्रत्याशी का पार्षद के लिए नामांकन टिर्री के ऊपर बैठकर करने का वीडियो सामने आया। आटीआई एक्टिविस्ट, भारतीय हिंदू राष्ट्र सेना व भ्रष्टाचार विरोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित केशवदेव नामांकन के लिए टिर्री के अंदर नहीं बल्कि ऊपर पर बैठकर पहुंचे।

अलीगढ़ नगर निगम के 69 वार्ड से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पंडित केशवदेव अपने घर से एक टिर्री के ऊपर बैठकर कलेक्ट्री स्थित नामांकन केंद्र तक पहुंचे। रास्ते में जिसने भी इस प्रत्याशी को टिर्री के ऊपर बैठकर पर्चा भरने जाते हुए देखा, वह देखता ही रह गया। पंडित केशवदेव ने अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर कलेक्ट्री के चकबंदी कार्यालय पर नामांकन केंद्र पर अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया। पंडित केशवदेव ने अमर उजाला को बताया कि वार्ड की जनता ने चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया, अगर चुनाव जीतता हूं, तो नगर निगम से भ्रष्टाचार का सफाया होगा। वार्ड 69 के क्षेत्र को सौ फीसदी विकास ईमानदारी से दिया जाएगा।

पंडित केशवदेव पहुंचे नामांकन करने

जूते की माला पहनकर किया था केशवदेव ने प्रचार

पंडित केशवदेव एक आरटीआई एक्टिविस्ट हैं। वह भारतीय हिंदू राष्ट्र सेना व भ्रष्टाचार विरोधी सेना नामक संगठन भी चलाते हैं। वह दो बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पंडित केशवदेव शहर विधानसभा सीट से विधायिकी का चुनाव लड़े। उसमें उन्हें जूता चुनाव चिन्ह मिला, तो उन्होंने पूरा प्रचार जूतों की माला पहनकर किया। चुनाव हारने के बाद उन्होंने एमएलसी का चुनाव लड़ना चाहा, पर प्रस्तावक न हो पाने के कारण नहीं लड़ सके।

विवादों से रहा है नाता

पंडित केशवदेव भ्रष्टाचार विरोध करने को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। ऊपर कोर्ट की मस्जिद और असदपुर क्याम में भाजपा जिला कार्यालय में गड़बड़ी का मुद्दा उठाने को लेकर भी पंडित केशवदेव चर्चा में रहे। 2018 में कनिका कपूर के नुमाइश में न आने को लेकर कोर्ट में मामला डाला था। नुमाइश  के सामने तहसील के बराबर पेट्रोल पंप की जमीन का आवंटन का मामला रखा था, अवैध महानगरों बसों का भ्रष्टाचार और भी कई मुद्दों को लेकर सुर्खियों में बने रहे हैं। पंडित केशवदेव ने एक आरटीआई एक्टिविस्ट कार्यकर्ता के रूप में शुरूआत की थी। 

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