Aligarh News: डेयरी से निकली राख सड़क किनारे फेंकी, सांस लेने में हो रही दिक्कत

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गहलऊ में सड़क किनारे पड़ी केमिकल वाली राख

गहलऊ में सड़क किनारे पड़ी केमिकल वाली राख
– फोटो : अमर उजाला

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इगलास के गांव सलेमपुर स्थित आरएम डेयरी से निकली केमिकल युक्त राख डेयरी प्रबंधक ने सड़क किनारे डाल दी है। हवा में उड़कर ये राख लोगों के घरों तक पहुंच रही है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन हो रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि आरएम डेयरी से अपशिष्ट के रूप में जो राख निकलती है, उसे जमीन में दबाने की बजाय ट्रैक्टर ट्राली में भरकर सड़क के किनारे डाल जाते हैं। जब सड़क से तेज गति से वाहन गुजरते हैं, तो यह राख धूल की तरह उड़ती है। राख के कारण आसपास रहने वालों के फेफड़ों और आंखों में परेशानी हो रही है।

लोगों का कहना कि दूध की फैक्टरी का कचरा सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है, इससे आसपास के लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों ने राख के ऊपर मिट्टी डलवाने की मांग की है। उपजिलाधिकारी भावना विमल का कहना है कि प्रदूषण विभाग और पुलिस व संबंधित अधिकारियों को लिखित में कार्रवाई करने व राख को हटाने के निर्देश दे दिए हैं।

स्थानीय निवासी बिजय सिंह उर्फ पप्पू ने बताया कि फैक्टरी से निकलने वाली राख की फैक्टरी वाले मनमानी जगह पर डाल रहे हैं। इससे आंखों में जलन हो रही है। वहीं, देवेंद्र सिंह फौजी का कहना है कि राख की वजह से से लोगों में सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इस सड़क से होकर लोगों का गुजरना दूभर हो गया है। जल्ला का कहना है कि हम इगलास जाते समय अपनी बच्ची को लेकर गए थे। जैसे ही राख के पास से गुजरे राख उड़कर आ गई। बच्ची को सांस लेते समय परेशानी होने लगी है।

केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता। ऐसे कचरे को गड्ढा खोदकर जमीन में दबाने का नियम है। ऐसा कचरा नष्ट करने के लिए कंपनियां ठेका देती हैं। ठेकेदार के कर्मचारी हानिकारक अपशिष्ट को वाहनों से दूर ले जाते हैं और उसे जमीन में दफन करते हैं।

विस्तार

इगलास के गांव सलेमपुर स्थित आरएम डेयरी से निकली केमिकल युक्त राख डेयरी प्रबंधक ने सड़क किनारे डाल दी है। हवा में उड़कर ये राख लोगों के घरों तक पहुंच रही है। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन हो रही है।

ग्रामीणों ने बताया कि आरएम डेयरी से अपशिष्ट के रूप में जो राख निकलती है, उसे जमीन में दबाने की बजाय ट्रैक्टर ट्राली में भरकर सड़क के किनारे डाल जाते हैं। जब सड़क से तेज गति से वाहन गुजरते हैं, तो यह राख धूल की तरह उड़ती है। राख के कारण आसपास रहने वालों के फेफड़ों और आंखों में परेशानी हो रही है।

लोगों का कहना कि दूध की फैक्टरी का कचरा सड़कों के किनारे फेंका जा रहा है, इससे आसपास के लोग बीमार हो रहे हैं। ग्रामीणों ने राख के ऊपर मिट्टी डलवाने की मांग की है। उपजिलाधिकारी भावना विमल का कहना है कि प्रदूषण विभाग और पुलिस व संबंधित अधिकारियों को लिखित में कार्रवाई करने व राख को हटाने के निर्देश दे दिए हैं।

स्थानीय निवासी बिजय सिंह उर्फ पप्पू ने बताया कि फैक्टरी से निकलने वाली राख की फैक्टरी वाले मनमानी जगह पर डाल रहे हैं। इससे आंखों में जलन हो रही है। वहीं, देवेंद्र सिंह फौजी का कहना है कि राख की वजह से से लोगों में सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इस सड़क से होकर लोगों का गुजरना दूभर हो गया है। जल्ला का कहना है कि हम इगलास जाते समय अपनी बच्ची को लेकर गए थे। जैसे ही राख के पास से गुजरे राख उड़कर आ गई। बच्ची को सांस लेते समय परेशानी होने लगी है।

केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री से निकलने वाला केमिकल युक्त कचरा खुले में नहीं डाला जा सकता। ऐसे कचरे को गड्ढा खोदकर जमीन में दबाने का नियम है। ऐसा कचरा नष्ट करने के लिए कंपनियां ठेका देती हैं। ठेकेदार के कर्मचारी हानिकारक अपशिष्ट को वाहनों से दूर ले जाते हैं और उसे जमीन में दफन करते हैं।



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