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कस्बा छर्रा के अरविन्द पैट्रोल पम्प के पीछे वाली गली में नालों से बाहर आती कीचड़
– फोटो : अमर उजाला
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फिर से शुरू हुआ अलीगढ़ की छर्रा नगर पंचायत में फंड का रोना। जनपद की सबसे बड़ी नगर पंचायत छर्रा में जहां एक ओर बीमारियां अपना कब्जा रहीं हैं, वहीं दूसरी ओर गली-मौहल्लों में गंदगी के कारण मच्छरों ने अपना घर बना लिया है।
नगरवासियों के अनुसार सांय ढलते ही मच्छरों का प्रकोप शुरू हो जाता है। मच्छरों के कारण शीध्र ही अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बन्द कर घर के लिए रवाना होना पड़ता है। मच्छरों के कारण ही नगर में बीमारियां फैल रही हैं। नगर पंचायत छर्रा में मच्छरों के लिए फोगिंग करने को आग्रह किया था, लेकिन नगर पंचायत के अधिकारीगणों व कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। ज्यादा कहो तो नगर पंचायत अपना पुराना ढर्रा अपनाते हुए फंड ना होने का रोना शुरू हो जाता है।
आखिरकार जनपद की सबसे बड़ी नगर पंचायत होने के बाद भी नगर पंचायत का यह हाल काफी दयनीय है। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत फोंगिग होना अनिवार्य है। इसी के साथ अरविन्द पैट्रोल पम्प के पीछे वाली गली में सड़क व नालों का निर्माण ना होने के चलते मौहल्ले वालों को कीचड़ व बदबू में रहने को मजबूर हो रहे हैं।
मौहल्ले वालों का कहना है कि लगभग एक वर्ष पूर्व नगर पंचायत छर्रा में लगे जनता दरबार में नगर पंचायत सड़क निर्माण को लेकर बंटवारा किया था, जिसमें सड़क का कुछ भाग विधायक निधि से बनवाने के लिए भाजपा विधायक को पत्र दिया था। जिसमें भाजपा विधायक ने सड़क आधे से ज्यादा भाग को विधायक निधि से निर्माण कराने के बाद भी एक वर्ष में नगर पंचायत छर्रा ने न तो नालों का निर्माण कराया और न ही सड़क का निर्माण कराया।
नालों का निर्माण ना होने के कारण नाले की कीचड़ बाहर सड़क पर आ रही है, बदबू व मच्छरों ने जीना दूभर कर रखा। नगर पंचायत में शिकायत करने जाओ तो न अधिशासी अधिकारी मिलती है और न ही किसी कर्मचारी से संतुष्ट जबाब मिलता है। बस फंड न होने का रोना रहता है। उपजिलाधिकारी अतरौली महिमा सिंह ने बताया कि फोंगिग व सफाई न होने की जानकारी नहीं थी। शीध्र ही अधिशासी अधिकारी ने वार्ता कर फोंगिग कराई जायेगी और नालों की सफाई कराई जायेगी।
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