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साथा चीनी मिल
– फोटो : अमर उजाला
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प्रदेश सरकार 22 फरवरी को अपना बजट पेश करेगी। बजट पर अलीगढ़वासियों की भी निगाहें होंगी। खासकर गन्ना किसानों को बजट में साथा में नई चीनी मिल की स्थापना होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली के दौरान साथा चीनी मिल में नई यूनिट लगवाने की घोषणा की थी। प्रमुख सचिव स्तर से भी मिल की नई यूनिट लगवाने के संबंध में पत्र भी जारी किया गया है, लेकिन प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हुई है।
केवल चीनी मिल की नई यूनिट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराकर मंगाई जा चुकी है। कई बार प्रदेश के कृषि मंत्री भी अलीगढ़ आ चुके हैं, लेकिन उन्होंने चीनी मिल की ओर देखना तक मुनासिब नहीं समझा है। इससे चीनी मिल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। करीब 54 साल पुरानी साथा चीनी मिल की मशीनें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि मिल का संचालन बंद हो चुका है। जिले की एक मात्र गन्ना मिल के बंद रहने से गन्ना किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मरम्मत के नाम पर करोड़ों फूंके, फिर भी न चली मिल
जर्जर हालत में पड़ी साथा चीनी मिल को चालू करने के नाम पर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है। तब भी हालत यह है कि चीनी मिल लंबे समय से बंद पड़ी हुई है। इससे गन्ना किसानों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। उन्हें गन्ना दूसरे जिलों की चीनी मिलों पर ले जाना पड़ रहा है।
चीनी मिल की मरम्मत पर हुआ खर्चा
- वर्ष 2017-18 में एक करोड़ रुपये
- वर्ष 2018-19 में 1.10 करोड़ रुपये
- वर्ष 2019-20 में 85 लाख रुपये
- वर्ष 2020-21 में 1.50 करोड़ रुपये
- वर्ष 2021-22 में 1.25 करोड़ रुपये
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