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नौरंगाबाद सेन्ट्रल बैकं में हुए फर्जीवाडें के बाद बैकं में पासबुक में एंट्री कराते ग्राहक
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ की नौरंगबाद स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में करोड़ों के घपले के सिलसिले में पुलिस फरार चल रहे ब्रांच मैनेजर और बैंक मित्र की तलाश में जुटी हुई है। इसके लिए दो टीमें जांच कर रही हैं। साथ ही बैंक मित्र सौरभ गुप्ता व युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश सिंह लोधी के एक दूसरे पर लगे आरोपों पर पुलिस की एक टीम अलग से जांच कर रही है।
दो पुलिस टीमें जांच में जुटी, तलाश में खगाले जा रहे सीसीटीवी
इस मामले मे पुलिस की दो टीमें जांच में जुटी हैं। एसपी सिटी की अगुवाई में यह टीमें लापता सौरभ गुप्ता व बैंक प्रबंधक की तलाश में जुटी हैं। इनके द्वारा बैंक व उनके घर से लेकर जिले की सीमा के बाहर तक जाने वाले सभी सीसीटीवी खंगाले जा रहे हैं। साथ में एक टीम को बिहार भेजने की तैयारी चल रही है। वहीं सर्विलांस की मदद से भी टीमें दोनों को खोजने में जुटी हैं। इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि इन दोनों के स्तर से किन किन खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।
इधर, शनिवार को पुलिस टीम बैंक पहुंची और जांच में जुटे अधिकारियों से मिली। इस जांच टीम में एसपी सिटी की अगुवाई में चार एसआई, एक इंस्पेक्टर, साइबर टीम को शामिल किया गया है। इन्हीं को मुकदमों का जिम्मा भी दिया गया है। बता दें कि इस मामले में अभी तक दो मुकदमें दर्ज किए गए हैं। जिनमें से एक बैंक की ओर से और एक ग्राहक की ओर से दर्ज कराया गया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मामले में शनिवार को तहरीर नहीं मिली हैं। जो भी तहरीर मिलेंगी, उन पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। वहीं पुलिस की टीमें अमरजीत के बिहार के वैशाली जिले भेजे जाने की तैयारी है। साथ में सौरभ के रिश्तेदारों को भी देखा जा रहा है।
सियासी संबंधों पर अलग से जांच कर रही टीम
सौरभ गुप्ता व युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश सिंह के एक दूसरे पर लगे आरोपों पर पुलिस की एक टीम अलग से जांच कर रही है। इसमें सौरभ के सियासी संबंध और इन दोनों के रुपयों के राजनीतिक लोगों से जुड़े लेनदेन को देखा जा रहा है। यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि सौरभ व मुकेश में किस स्तर तक के संबंध थे। दोनों की एक दूसरे के प्रति आवाजाही व लेनदेन आदि पर काम किया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि सौरभ जब देश से बाहर गया था तो उसमें मुकेश के स्तर से क्या मदद की जा रही थी।
बैंक मित्र था या नहीं, अभी जांच में होगा साफ
सौरभ का बैंक प्रबंधन ने अभी तक रिश्ता नकार दिया है। मगर वह बैंक मित्र था या नहीं, उसकी कितनी भूमिका थी। इन सभी पहलुओं पर भी जांच के बाद ही साफ होगा। जांच में जुटे अधिकारी अभी यही बता रहे हैं कि इस विषय में उसके पंजीयन को लेकर दस्तावेज मांगे गए हैं।
जीवन भर की जाने वाली कमाई से दस-बीस हजार रुपये जोड़कर एफडी बनवाई गई है। इसके बाद भी हमारी एफडी में रुपये नहीं पहुंचे हैं। यह हमारे साथ सौरभ ने ठगी की है।-बालकिशन, कमालपुर
मेरे साथ सौरभ ने विश्वास में धोखा किया है। मेरे साथ छह लाख रुपये की ठगी की गई है। यह रकम मेरे लिए जीवन भर की कमाई है।-मुंशी शर्मा, विकास नगर
इस मामले में आरोपियों की तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं। हर पहलू पर जांच की जा रही है। जांच में जो भी साफ होगा, उसी अनुसार कार्रवाई होगी। बैंक से पूरा ब्योरा मांगा गया है।– कुलदीप सिंह, एसपी सिटी
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