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कोर्ट ने सुनाया फैसला
विस्तार
अलीगढ़ में खैर के गांव बरका में 12 वर्ष पूर्व खेत के विवाद में किसान की गैर इरादतन हत्या के मामले में चार दोषियों को 10-10 वर्ष कैद व जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला बृहस्पतिवार को एडीजे-3 राजेश कुमार भारद्वाज की अदालत से सुनाया गया है। इस घटना में किसान को इस कदर बेरहमी से पीटा गया था कि उसकी बाद में मौत हो गई।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी जेपी राजपूत के अनुसार घटना 2 मई 2010 की है। वादिया महादेवी ने थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया कि उसका पति जीतपाल गांव में अकेला रहा था। ससुर व देवर आदि दिल्ली रहते हैं। घटना वाली शाम नामजद गांव के ज्ञानेंद्र, शीलेंद्र, राजकुमार व राया मथुरा का राजू आए और खेत की मैंड़ काटने का आरोप लगाते हुए दरवाजे पर खड़े उसके पति को लाठी-डंडों से पीटा। इसके बाद धमकाते हुए चले गए। घायल पति को महादेवी ने पहले जेएन मेडिकल कॉलेज और फिर दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया।
जहां 19 मई को उसकी मौत हो गई। इस मामले में मुकदमे के आधार पर चारों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। न्यायालय में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर चारों को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया गया। बृहस्पतिवार को चारों को दस-दस वर्ष कैद व 27-27 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना राशि में से एक लाख रुपये पीड़ित महिला को देने के आदेश दिए हैं। सजा के फैसले पर पीड़ित महिला ने खुशी व्यक्त की है।
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