Alliance INDIA : नीतीश कुमार और लालू यादव- कितने दूर, कितने पास; इसी पर विपक्षी एकता और गठबंधन की आस

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Indian Congress : with opposition meet live news know about nitish kumar lalu yadav relationship for india

दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक।
– फोटो : अमर उजाला

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इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव एलायंस (I.N.D.I.A.) की मंगलवार को दिल्ली में बैठक कांग्रेस ने बुलाई। इस बैठक का पहला वीडियो जो सामने आया, वह पहली बैठक के किसी भी वीडियो या फोटो के सामने ऊर्जा के मामले में कमजोर नजर आया। क्यों? यह सवाल लाजिमी है, क्योंकि यह बैठक कांग्रेस की करारी शिकस्त के बाद हो रही है। इस बैठक का इंतजार विपक्षी एकता के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने पांच राज्य विधानसभा चुनाव के बहाने इसे टाल रखा था। लेकिन, बात सिर्फ इतनी नहीं है। सितंबर-अक्टूबर और नवंबर-दिसंबर में बहुत कुछ बदला है। 23 जून को पटना में पहली बैठक के बाद अक्टूबर के पहले हफ्ते तक नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बीच जितनी गर्मजोशी भरी मुलाकातें हो रही थीं, वह इन दिनों नहीं दिखी। कांग्रेस भी दरकिनार पड़ी रही। अब बैठक भले हो रही है, लेकिन सीएम नीतीश की मुराद मंगलवार को पूरी होगी- उम्मीद नहीं है।

क्या है नीतीश की मुराद, कहां फंसी कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार को उखाड़ फेंकने का आह्वान पटना से किया गया था। राजनीतिक रूप से उर्वर बिहार की नजर इस बैठक पर सबसे ज्यादा तब भी थी और अब भी है। सीएम नीतीश कुमार ने इस बैठक के लिए पहल की थी और इसे अंतिम तौर पर मूर्त कराने में लालू प्रसाद यादव का अहम योगदान रहा। इन दोनों नेताओं के बीच कांग्रेस फंसी रही। यूं तो हिसाब भी पुराना था और मांग भी पुरानी, लेकिन जून से बिहार में कांग्रेस मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार कर रही है। महागठबंधन के गणित में कांग्रेस को दो और मंत्री पद चाहिए। यह आज तक नहीं मिला, जबकि कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी से इसपर जून में ही बात हो गई थी। मानें या नहीं, लेकिन कांग्रेस को यह बात नहीं माने जाने के कारण अविश्वास तो है। और, इससे भी इनकार करना वाजिब नहीं कि इसी कारण लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीटों के जल्द बंटवारे की नीतीश कुमार की मुराद पूरी नहीं हो पा रही है।

लालू-नीतीश के रिश्तों की गर्मी को लगी ठंड

सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शाम करीब साढ़े चार बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे और पैसेंजर फ्लाइट से दिल्ली रवाना हुए। इससे पहले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो चुके थे। यह वैसे कुछ असामान्य नहीं, लेकिन थोड़ा पहले जाएं तो पटना में हुई पहली बैठक में नीतीश कुमार और लालू यादव बराबर सक्रिय दिख रहे थे। उसके बाद हुई दोनों बैठकों में जाते समय भी दोनों का मेलजोल अच्छा दिखा था। सितंबर से अक्टूबर के बीच लालू और नीतीश की बारंबार मुलाकातों की खबर सामने आ रही थी। कभी नीतीश खुद लालू से मिलने पहुंच रहे थे तो कभी लालू मुख्यमंत्री आवास। नवंबर-दिसंबर के बीच यह गर्मजोशी नहीं दिखी। सितंबर-अक्टूबर की मुलाकातों का सार्वजनिक फलाफल कुछ खास नजर नहीं आया। जातीय जनगणना सरकारी प्रक्रिया थी, इसलिए उसे इन मुलाकातों का फलाफल मानना गलत होगा। तब? हां, चर्चा उठाई जा रही थी कि सीटों के बंटवारे को लेकर बात हो रही है। लेकिन, अगर यह बात हो रही होती तो नवंबर-दिसंबर में यह मामला ठंडा कैसे पड़ सकता था? और, वह भी जबकि छह दिसंबर और 17 दिसंबर की तारीख दिए जाने के बाद 19 दिसंबर को अब जाकर विपक्षी दलों के इंडी एलायंस की दिल्ली में बैठक हो रही है।

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