[ad_1]

Amarnath yatra
– फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar
विस्तार
जम्मू-कश्मीर में इस बार अमरनाथ यात्रा के रूट पर अहम बदलाव किया गया है। पवित्र गुफा पर इस बार सीआरपीएफ के स्थान पर आईटीबीपी को तैनात किया गया है। सूत्रों का कहना है कि केवल गुफा पर ही नहीं, बल्कि कई दूसरे स्थानों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती में बदलाव हुआ है। ये बदलाव पहलगाम एक्सेस से लेकर पवित्र गुफा तक के लगभग 45 किलोमीटर के रास्ते में भी दिखाई पड़ता है। पवित्र गुफा तक पहुंचने के अहम प्वाइंट चंदनवाड़ी, शेषनाग, पोषपतरी और पंचतरणी के आसपास भी सीआरपीएफ को हटाया गया है। खास बात है कि यहां से हटाई गई कंपनियां, अभी दूसरे राज्यों में नहीं भेजी गई हैं। उनमें से अधिकांश कंपनियां अभी जम्मू में ही बताई गई हैं।
बल के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, इस बदलाव से जवान और अधिकारी हैरान हैं। जिस रूट की सुरक्षा सीआरपीएफ द्वारा दो दशकों से की जा रही है, अब एकाएक उसे यहां से हटा दिया गया है। इस बाबत कई सवाल भी उठ रहे हैं। पहला, क्या इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से कोई आदेश आया था, दूसरा जम्मू कश्मीर प्रशासन, जिसमें पुलिस भी शामिल है क्या वहां से इसे पर कोई पत्राचार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से बात उठाई गई थी। इसके बाद ही आईटीबीपी के जवानों को गुफा की सुरक्षा में लगाया गया। गत वर्ष अमरनाथ गुफा के निकट बादल फटने से आई बाढ़ के दौरान जहां आईटीबीपी ने सराहनीय कार्य किया था, तो वहीं सीआरपीएफ भी उसमें कहीं पीछे नहीं रही थी। हालांकि आईटीबीपी को पहाड़ और बर्फ में ड्यूटी करने का खासा अनुभव प्राप्त है। उसे प्राकृतिक आपदा से निपटने की भी ट्रेनिंग दी जाती है।
सीआरपीएफ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अमरनाथ यात्रा के रूट पर यह बल लंबे समय से तैनात है। यहां पर यात्रियों की सुरक्षा से लेकर रेस्क्यू आपरेशन तक में सीआरपीएफ सक्षम है। सरकार के इस फैसले को आंतरिक सुरक्षा ग्रिड के साथ छेड़छाड़ करने का एक प्रयास बताया गया है। चूंकि सीआरपीएफ आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बेहतरीन काम कर रही है, ऐसे में यह बदलाव ठीक नहीं है। लंबे समय से एक ही ग्रिड में रहने के कारण यह बल, हर तरह की ड्यूटी को अच्छे से पूरा कर पाता है। इस बल ने जम्मू कश्मीर में अब खुद का सूचना तंत्र विकसित कर लिया है। बल के पास सभी तरह का साजोसामान मौजूद है। इस मामले में जब एक शीर्ष अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा, ये सब केंद्रीय गृह मंत्रालय तय करता है। सीआरपीएफ को जो ड्यूटी दी जाती है, उसे हर कीमत पर पूरा किया जाता है।
[ad_2]
Source link