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अमृतपाल सिंह
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी।
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पंजाब के फगवाड़ा में जिस स्कार्पियो से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के पहुंचने की बात सामने आ रही है, वह गाड़ी भले ही पीलीभीत के अमरिया के बड़ेपुरा स्थित गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह के नाम पर पंजीकृत है, मगर यह गाड़ी इन दिनों बड़ेपुरा गुरुद्वारे में नहीं थी। मोहन सिंह ने बताया कि गाड़ी को पिछले चार माह से पूरनपुर के मोहनापुर गुरुद्वारे के सेवादार जोगा सिंह इस्तेमाल कर रहे थे। चार दिन पहले ही जोगा सिंह पंजाब जाने की बात कहकर गए थे। चर्चा है कि जोगा सिंह और उनका चालक गुरवंत सिंह पंजाबी पुलिस की हिरासत में है।
पंजाब के फगवाड़ा में बुधवार को एक स्कॉर्पियो बरामद हुई थी, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर उत्तराखंड का था। गाड़ी पीलीभीत जनपद के अमरिया स्थित बड़ेपुरा गुरुद्वारे के मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह के नाम पर पंजीकृत थी। खुफिया एजेंसियों को पता चला कि अमृतपाल इसी गाड़ी में सवार होकर पंजाब तक पहुंचा था। इसके बाद से ही पुलिस ने छानबीन शुरू की। पंजाब पुलिस पीलीभीत पहुंची।
बुधवार रात को अमरिया पुलिस सच्चाई जानने बड़ेपुरा गुरुद्वारे पहुंची तो बाबा मोहन सिंह नहीं मिले। इस बीच गुरुवार सुबह को मुख्य ग्रंथी बाबा मोहन सिंह मीडिया के सामने आए। उन्होंने इस पूरे प्रकरण से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि यह गाड़ी वर्ष 2018 में ली थी, जो की गुरुद्वारे की सेवा में चलती थी। गुरुद्वारे में और भी 20-25 गाड़ियां हैं। जो सेवा में इस्तेमाल की जाती है। इस गाड़ी को करीब चार माह पूर्व पूरनपुर के मोहनापुर गुरुद्वारे के सेवादार जोगा सिंह को सेवा कार्य के लिए दे दिया गया था। तब से गाड़ी जोगा सिंह के पास ही थी।
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