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सेब पैकिंग कार्टन(फाइल)
– फोटो : संवाद
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हिमाचल प्रदेश में सेब पैकिंग के लिए इस वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन इस्तेमाल होगा। शनिवार को कृषि उपज विपणन मानक ब्यूरो के तहत कृषि सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक में बागवान और आढ़ती संगठनों ने यूनिवर्सल कार्टन लागू करने पर सहमति जताई। भारतीय पैकेजिंग संस्थान (आईआईपी) मुंबई की ओर से सुझाए मानकों पर यूनिवर्सल कार्टन तैयार होगा, जिसमें 20 किलो सेब पैक होगा।
कृषि सचिव सी पालरासु की बैठक की अध्यक्षता में हुई बैठक में बागवान और आढ़ती संगठनों ने जल्द अधिसूचना जारी कर टेलिस्कोपिक कार्टन पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई, ताकि कार्टन को लेकर कोई भ्रम न रहे। कृषि सचिव ने आश्वासन दिया कि जल्द अधिसूचना जारी कर आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी ने बताया कि सरकार की ओर से गठित कमेटी ने कार्टन उत्पादकों के साथ भी बैठक की है।
आईआईपी की ओर से 2013 में किए अध्ययन और 2015 में जारी अधिसूचना का भी अवलोकन किया है। सेब के बाद स्टोन फ्रूट और सब्जियों के लिए भी स्टैंडर्ड पैकेजिंग सिस्टम बनाएंगे। पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि बागवानी सुधार के लिए सरकार के प्रयास स्वागत योग्य है। संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि इससे बागवानों को लाभ होगा।
प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के भीतर और बाहर सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में ही बिकना चाहिए। प्रोग्रेसिव ग्रोअर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आशुतोष चौहान ने कहा कि विदेशों से भी भारत में सेब यूनिवर्सल कार्टन में ही आ रहा है। एक राज्य एक कानून लागू होना चाहिए। यंग एंड यूनाइटेड ग्रोअर्स एसोसिएशन के महासचिव प्रशांत सहेटा और हिमालयन सोसायटी फॉर हॉर्टिकल्चर एंड एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के अध्यक्ष डिंपल पांजटा ने भी विचार रखे।
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