Article 370 Abrogation Anniversary: अब कार्रवाई के लिए सरकार की मोहताज नहीं CBI, 4 साल में 60 मामले दर्ज

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Article 370 Abrogation Anniversary: CBI no longer dependent on jk government for action

सीबीआई
– फोटो : सोशल मीडिया

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एक वक्त था जब सीबीआई को किसी मामले की जांच करने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की अनुमति लेनी पड़ती थी।सरकार अपने अधीन चलने वाली विजिलेंस और क्राइम ब्रांच जैसी एजेंसियों से मनचाही जांच कराती थी। लेकिन 370 हटने के बाद जांच ऑन द स्पॉट होती है। जिस सीबीआई ने 2019 से पहले 20 साल में चार मामले दर्ज किए थे।

उसी सीबीआई ने 370 हटने के बाद अब तक के चार वर्षों में 60 से ज्यादा मामले दर्ज कर लिए हैं। सीबीआई ने पूर्व की सरकारों के वक्त हुए 25 लाख करोड़ रुपये के रोशनी घोटाले, पूर्व वित्त मंत्री के बेटे द्वारा 700 करोड़ रुपये का बैंक लोन घोटाला, 4 लाख फर्जी गन लाइसेंस घोटाला, पुलिस के 1300 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का घोटाला, 500 जेई पदों के घोटाले, 1100 करोड़ के चावल घोटाले, राशन घोटाले, बैंक कर्मियों को रिश्वत लेने जैसे मामलों का पर्दाफाश किया। अब सीबीआई के पास किसी की शिकायत आए तो उसे सरकार की अनुमति नहीं लेनी पड़ती। सीधी कार्रवाई की जाती है।

आतंकवाद, अलगाववाद, भ्रष्टाचार मिटाने के लिए 10 से ज्यादा एजेंसियां सक्रिय

अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रदेश में अलगाववाद, आतंकवाद, नशा तस्करी और भ्रष्टाचार की कमर तोड़ी गई है। चार साल पहले प्रदेश में पुलिस, विजिलेंस की ऐसे मामलों की जांच करती थी। लेकिन अब एएनटीएफ, एसआईयू, एसआईए, एनआईए, ईडी, एसीबी, सीबीआई, आर्थिक अपराध विंग जैसी 10 से ज्यादा से एजेंसियां ऐसे मामलों की जांच कर रही हैं। इसी का नतीजा है कि कश्मीर में अलगाववादियों के इशारों पर पत्थर नहीं मारे जाते। आतंकियों और अलगाववादियों तक हवाला का पैसा न के बराबर पहुंचता है।

मामलों की जांच पर रहता था प्रभाव

बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने से पहले प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों पर विजिलेंस की तरफ से कार्रवाई की जाती थी। लेकिन सरकारी दबाव में ब्यूरो मामलों की जांच नहीं कर पाता था। यही कारण था कि 13 एफआईआर दर्ज होने पर एसीबी ने 11 साल तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की। दो साल पहले सीबीआई को ये मामले ट्रांसफर कर दिए गए। अब सीबीआई इस मामले में 4 मामलों की जांच कर चुकी है। रोशनी घोटाले की जमीनें वापस ली जा रही हैं।

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