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ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के सभी प्रकार के समस्याओं का समाधान बताया गया है. यदि आपके कार्य क्षेत्र में समस्या आ रही है और ग्रह नकारात्मक फल दे रहे है तो उन ग्रहों के गुणों को अपनाने से उसके नकारात्मक फल को कम किया जा सकता है.

शनि देव कर्म के कारक ग्रह है और शनि और चंद्रमा के कारण समस्या है तो चंद्रमा के करकत्व को अपनाए, जैसे फूड, लिक्विड, ट्रैवलिंग, हीलिंग, जनता से जुड़ा काम कर सकते हैं.

अगर शनि और केतु की वजह से समस्या है तो रूट से जुड़ा काम, रिसर्च, गूढ़ विषय या जमीन से जुड़ा कार्य करें. शनि और मंगल होने पर टेक्निकल कार्य, योग, इंजीनियरिंग, मेकेनिकल से जुड़ा कार्य करें.

शनि और राहु की वजह से आपको समस्या हो रही है तो राहु विदेश से जुड़ा कार्य, राजनीति, मल्टी नेशनल कंपनी से जुड़कर कार्य करें.

कुंडली में ग्रहों को बदला नहीं जा सकता, लेकिन जिन ग्रहों की वजह से परेशानी हो रही है, उनके कारकत्वो को अपनाकर उसके दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है.

शनि का गोचर आपके लग्न कुंडली में बुध पर से हो या बुध की अंतर्दशा आ जाए तो कभी कभी व्यक्ति व्यापार की तरफ भी चला जाता है. शनि का गोचर शनि पर से हो तो नया काम शुरू होने की संभावना होती है.

गुरु का गोचर शुक्र पर से हो तो धन प्राप्ति की संभावना होती है. ऐसे ही गोचर भी जातक को कोई भी नया काम शुरू करवा देते है.
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