[ad_1]
Astrology: ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्याय करने वाला देवता माना गया है. शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है. शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं. हर व्यक्ति के जीवन में शनि का 10 साल प्रभाव रहता है. शनि देव के आशीर्वाद से जीवन में धन, संपत्ति, ऐशो आराम से भर जाता है, तो वहीं शनि के अशुभ प्रभाव से बिजनेस में परेशानी, नौकरी का छूटना, काम में रुकावट, पदोन्नति में बाधा और कर्ज जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. शनि की साढ़ेसाती तकरीबन साढ़े सात साल और ढैय्या ढाई साल तक रहती है, ये दोनों मिलकर 10 साल होते हैं. साढ़ेसाती और ढैय्या में कर्मों के अनुसार फल मिलता है, लेकिन कुंडली में शनि अशुभ स्थान पर बैठे हों तो शनि दोष उत्पन्न होता है. कुंडली के 3, 7 या 10वें घर में शनि विराजमान हों तो शनि दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं आने लगती हैं. कई बार ऐसा होता है कि लोगों को शनि दोष लग जाता है और उन्हें पता भी नहीं होता. इसी कारण लोग इसका निवारण भी नहीं खोज पाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं शनि दोष के लक्षण क्या हैं और इसका निवारण कैसे किया जा सकता है.
[ad_2]
Source link