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अतीक अहमद को साबरमती जेल से लेकर रवाना हुई प्रयागराज पुलिस
– फोटो : एएनआई
विस्तार
उमेश पाल अपहरण केस में सुनवाई पूरी हो चुकी है और 28 मार्च को फैसला सुनाया जाना है। फैसला क्या होगा इस बारे में तो अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन जानकारों का कहना है कि अगर दोष साबित हुआ तो अतीक समेत अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की भी सजा हो सकती है।
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 364ए फिरौती के लिए अपहरण को परिभाषित करती है। इसके अनुसार, किसी व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण करने के बाद उसे अवैध तरीके से हिरासत में रखकर मृत्यु या क्षति कारित करने की धमकी देना या अपने आचरण से ऐसी यथोचित आशंका पैदा करना कि उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है या उसको क्षति की जा सकती है।
और ऐसा करके किसी अन्य व्यक्ति को किसी कार्य को करने या करने से रोकने के लिए या फिरौती देने लिए विवश किया जाए, तो ऐसे व्यक्ति को मृत्युदंड आजीवन कारावास से दंडित किया जा सकता है। वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
अपहरण के अपराध में आजीवन कारावास या मृत्युदंड भी संभावित
अधिवक्ता अमित कुमार सिंह बताते हैं कि अगर यह हो जाता है कि अपराध षड्यंत्र के तहत कारित किया गया तो अन्य आरोपी भी उसी सजा के हकदार होंगे, जो मुख्य आरोपी के लिए तय की गई है। फिरौती के लिए अपहरण के अपराध में आजीवन कारावास या मृत्युदंड भी संभावित है ऐसे में अन्य आरोपी भी इसी सजा के हकदार हो सकते हैं।
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