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माफिया अतीक अहमद।
– फोटो : अमर उजाला
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प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद का सिक्का गोरखपुर में भी चलता था। बड़े बदमाश न सिर्फ उसके नाम का इस्तेमाल करते थे, बल्कि अतीक उनका शरणदाता भी रहा। गोरखपुर के बड़े उद्योगपति जुगुल किशोर जालान के अपहरणकर्ता भी प्रयागराज में अतीक के ठिकाने पर ही शरण लिए थे।
उसके संरक्षण की वजह से ही उद्योगपति को खोजने में पुलिस को 25 दिन लगे थे। बाद में इसमें शामिल तीन बदमाशों राधे यादव, अमित मोहन वर्मा और रामायण उपाध्याय को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
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इतना ही नहीं, देवरिया जेल से प्रयागराज पेशी पर जाते समय रास्ता बदलकर उसे ले जाया जा रहा था, तब सहजनवां में करीब सात मिनट के लिए वह रुका था। बताया जाता है कि उसके करीबी गाड़ियों के आगे आ गए थे, हालांकि पुलिस ने इसमें कोई लिखापढ़ी नहीं की थी।
बात 26 जून 2002 की है। उद्योगपति जुगुल किशोर जालान का बदमाशों ने अपहरण किया था। इस घटना से सत्ता तक हिल गई थी। गोरखपुर से अपहरण के बाद पुलिस ने पीछा किया तो पता चला कि बदमाशों ने प्रयागराज में शरण ली है।
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