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मौके पर मौदूज पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
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औरैया जिले में अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के मुरादगंज-फफूंद मार्ग पर सोमवार शाम डोरी का पुर्वा गांव के पास दो बाइकों की आमने-सामने से टक्कर हो गई। हादसे में चार लोग घायल हो गए। पुलिस चारों घायलों को सीएचसी अजीतमल ले गई। जहां डॉक्टर ने एक युवक व एक किशोर को मृत घोषित कर दिया जबकि दो अन्य घायलों को सैफई के लिए रेफर कर दिया।
गांव सलैया बखरिया निवासी मोहित (15) पुत्र सुनील सोमवार की शाम खेत पर काम कर रहा था। तभी उसका मित्र शिवम (20) पुत्र राजू दोहरे बाइक से खेत पर जा पहुंचा। दोनों बाइक से मुरादगंज के लिए निकले। वहीं रजबहापुर-सहबाजपुर मुरादगंज निवासी सचिन (18) पुत्र अरुण कुमार व दिनेश उर्फ गोलू (22) बाइक से बाबरपुर बाजार करके वापस घर जा रहे थे।
दोनों बाइकों की मुरादगंज-फफूंद मार्ग पर गांव डोरी का पुर्वा समीप आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में शिवम व मोहित सड़क किनारे बंबा में जा गिरे। हादसा देख मौके पर राहगीरों की भीड़ जुट गई। इसी बीच ग्रामीणों बंबा में गिरे शिवम व मोहित को बाहर निकाला। उधर सूचना पर पहुंची पुलिस चारों घायलों को लेकर सीएचसी पहुंची। जहां डाॅक्टर ने मोहित व दिनेश उर्फ गोलू को मृत घोषित कर दिया जबकि दो अन्य घायल शिवम व सचिन को प्राथमिक उपचार के बाद सैफई रेफर कर दिया।
सूचना पर सीएचसी पहुंचे परिजनों की चीख-पुकार मच गई। रोते-बिलखते परिजनों को लोग संभालते नजर आए। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अजीतमल कोतवाल राजकुमार सिंह ने बताया कि दो बाइकों की आमने-सामने से भिड़ंत हुई है। एक युवक व एक किशोर की मौत हुई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। क्षतिग्रस्त हुई बाइकों को कब्जे में लिया गया है।
दो माह भी नहीं बीता और उजड़ गया सुहाग
दिनेश की शादी कानपुर देहात जनपद के महटौली निवासी पि्रयंका के साथ चार फरवरी को हुई थी। शादी के बाद चौथी की रसम ही हुई थी। हाथ की मेहंदी का रंग अभी फीका भी नहीं हुआ था कि सोमवार शाम यह हादसा हो गया। गांव रजबहापुर-सहबाजपुर मुरादगंज से लेकर कानपुर देहात के महटौली तक घटना को लेकर मातम छा गया। सूचना मिली तो दिनेश के ससुरालीजन भी मौके पर पहुंच गए। सबसे बड़ी बात की चार बहनों के बीच गोलू उर्फ दिनेश अकेला था। शादी को लेकर घर में खुशियों का माहौल था। घर का एक मात्र बेटा होने के बावजूद दिनेश सूरत में नौकरी कर परिवार को आर्थिक मदद देता था। मां कमला देवी से लेकर पिता मूलचंद व बहनों की आंखों से आशू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
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