[ad_1]

अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर।
– फोटो : amar ujala
विस्तार
राममंदिर निर्माण में देश के कई राज्यों का किसी न किसी रूप में योगदान है। इसके लिए राज्यों की प्रचलित और सर्वश्रेष्ठ ऐसी सामग्रियों का चयन किया गया जो मंदिर की दृष्टि से उपयोगी हों। इसी आधार पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दावा करता है कि रामनाम के धागे में पूरा देश पिरोया जा रहा है। निर्माणाधीन राममंदिर में संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि मंदिर के लिए अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग सामग्रियां लाई गईं हैं। राममंदिर निर्माण में विभिन्न राज्यों के इंजीनियर और मजदूर काम कर रहे हैं। मंदिर के आर्किटेक्ट गुजरात के सीबी सोमपुरा हैं तो चित्रकार व मूर्तिकार महाराष्ट्र, ओडिशा व कर्नाटक के हैं। दरवाजों की लकड़ी महाराष्ट्र से है, पत्थर राजस्थान से लाए गए हैं। नींव निर्माण में हैदराबाद व तेलंगाना के ग्रेनाइट का प्रयोग किया गया। यहां के श्रमिक भी मंदिर निर्माण में लगे हैं।
ये भी पढ़ें – मोहन यादव को सीएम बनाए जाने पर सपा के प्रमुख नेताओं ने साधी चुप्पी, किसी ने भी फोन नहीं उठाया
ये भी पढ़ें – एक तीर से कई निशाने: मोहन यादव के जरिए यूपी सहित चार राज्यों में आधार बढाएगी भाजपा
देश की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर व वैज्ञानिक भी अपना योगदान दे रहे हैं। इनमें आईआईटी चेन्नई, दिल्ली, कानपुर, मुंबई और एमआईटी सूरत, गुजरात व सीबीआरआई रूड़की व सीबीआरआई हैदराबाद शामिल है। यही नहीं पूरे भारत के पवित्र स्थानों से मिट्टी लाई गई है ओर उसे पूजित कर मंदिर की बुनियाद में डाला भी गया है। राममंदिर के स्तंभों पर मूर्ति निर्माण के लिए दिल्ली के मूर्ति विशेषज्ञों की भी मदद ली गई है।
देशभर के रामभक्तों ने किया निधि समर्पण
राममंदिर निर्माण के लिए राममंदिर ट्रस्ट की ओर से 2021 में 42 दिनों का निधि समर्पण अभियान चलाया गया था। इस अभियान में पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चारों दिशाओं से भक्तों ने निधि समर्पण किया था। 10, 100 व एक हजार के कूपन के जरिए ट्रस्ट ने हर वर्ग के रामभक्तों से निधि समर्पण लिया था। इस अभियान में करीब 3,500 करोड़ का निधि समर्पण राममंदिर ट्रस्ट को मिला था।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि सारे देश को दो साल बाद पता चलेगा कि इस मंदिर में संपूर्ण भारत के सभी राज्यों का किसी ने किसी प्रकार से योगदान रहा है, दो साल बाद पता चलने का तात्पर्य 2025 से है जब श्री राममंदिर पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा।
[ad_2]
Source link