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थाना राया क्षेत्र में 18 नवंबर को यमुना एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर लाल रंग के ट्रॉली बैग में आयुषी का शव मिला था। इससे इलाके में सनसनी फैल गई थी। एसपी सिटी मार्तंड प्रकाश सिंह के नेतृत्व में पुलिस की 14 टीमों ने 48 घंटे में शव की पहचान करके मामले का खुलासा किया था। आयुषी की हत्या उसके पिता नितेश यादव ने की थी। पिता ने उसे दो गोलियां मारी थीं। इसके बाद पॉलिथीन में शव को पैक कर ट्रॉली में रखकर ठिकाने लगा दिया था। इस पूरी वारदात में आयुषी की मां भी शामिल रहीं।
आयुषी की हत्या 17 नवंबर की दोपहर करीब दो बजे की गई थी। आरोपी पिता 11 घंटे तक उसका शव घर में रखा रहा। आरोपी के बेटे को तक इसकी भनक नहीं लगी थी। रात में पति-पत्नी ने बेटी के शव को ठिकाने लगाया था।
पुलिस ने मामले में हत्यारोपी पिता नितेश यादव और मां ब्रजबाला (निवासी मकान नबंर 2461, स्ट्रीट नंबर 65, ब्लॉक ई/2 मोलरबंद एक्सटेंशन, बदरपुर नई दिल्ली) को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। पिता ने आयुषी के सिर और छाती में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोलियां मारी थीं।
आयुषी की हत्या के पीछे भरतपुर निवासी छत्रपाल से आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह बताया गया। दोनों की शादी का गवाह छत्रपाल का दोस्त मानवेंद्र था। थाना राया पुलिस छत्रपाल को बुलाने के लिए लगातार संपर्क कर रही थी।
बृहस्पतिवार को छत्रपाल दोस्त के साथ थाना राया पहुंचा। प्रभारी निरीक्षक ओमहरि वाजपेयी ने बताया कि आयुषी हत्याकांड का छत्रपाल और उसके दोस्त को गवाह बनाया गया है। दोनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। जल्द ही अन्य गवाहों के बयान लेकर चार्जशीट लगाई जाएगी।
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