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बदरीनाथ मास्टर प्लान
– फोटो : जयसिंह रावत
विस्तार
बदरीनाथ धाम में चल रहे मास्टर प्लान के कार्यों से धाम में होने वाले प्रभावों का आलकन करने के लिए इसरो के एनआरएससी (राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र) हैदराबाद और आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम भू-गर्भीय सर्वेक्षण कर रही है। टीम ने सोमवार से सर्वेक्षण शुरू किया।
बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के प्रथम चरण के कार्य अंतिम चरण में हैं। इसके बाद द्वितीय चरण के कार्य होने हैं। जिसके तहत मंदिर के 70 मीटर के दायरे में सौंदर्यीकरण का काम किया जाना है। इन कार्यों से धाम की पौराणिक धरोहरों पर कोई विपरीत असर न पड़े इसके लिए भू-वैज्ञानिकों की टीम यहां सर्वे करने पहुंची है।
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हैदराबाद से आई पांच सदस्यीय टीम ने रविवार को पहुंचकर सबसे पहले सर्वे के लिए जगह का चिह्नीकरण किया। सोमवार को टीम ने धाम में चिह्नित जगहों पर सर्वे किया। एक टीम ने मंदिर के पीछे नारायण पर्वत की तलहटी पर और दूसरी टीम ने अलकनंदा नदी किनारे सर्वे कार्य किया। सर्वे कार्य मंगलवार को भी जारी रहेगा।
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