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एसपी हिमांशु कुमार वर्मा ने बताया कि बच्ची ने सुसाइड नोट में मौत का कारण आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानी बताया है। उसमें लिखा था कि ‘लोग उनके पिता द्वारा लिए गए पैसे मांग रहे हैं। कई लोग तो घर तक आ जाते हैं। खाने के लिए भी राशन नहीं है। जिस वजह से हम परेशान हैं’।
परिवार के मुखिया भूपाल राम के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का केस पंजीकृत है। पुलिस के अनुसार, वह कई लोगों से ठगी कर चुका था। इसी कारण लोगों और पुलिस से छुपता-छुपाता था।
बता दें कि मूल रूप से कपकोट के भनार गांव निवासी भूपाल राम का परिवार इस मकान में किराये पर रहता था। बृहस्पतिवार को मकान के भीतर भूपाल राम की पत्नी नीमा देवी (40), पुत्री अंजलि (14), पुत्र कृष्णा (8), पुत्र भाष्कर (5-6 माह) के सड़े गले शव बरामद हुए थे।
सबसे पहले घटना की सूचना मकान मालिक गोविंद सिंह को प्लंबर राजेंद्र सिंह भाकुनी ने दी थी। पुलिस ने उनसे भी पूछताछ की। पुलिस की छानबीन में कमरे से सल्फास जैसी गोलियां बरामद हुई थीं। गोलियों को जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही जहरीले पदार्थ के बारे में स्थिति साफ हो पाएगी।
पुलिस ने घटनास्थल पर किचन का बारीकी से मुआयना किया। रसोई में राशन के बर्तन खाली पड़े थे। आटा, चावल, तेल आदि कुछ भी सामग्री रसोई में नहीं थी। गैस का चूल्हा तो था, लेकिन सिलिंडर नहीं था। यानि कि परिवार के पास न तो खाने के लिए राशन था, न भोजन बनाने का साधन।
पोस्टमार्टम में मृतकों के शव एक सप्ताह पुराने होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल में शामिल डॉ. राहुल मिश्रा ने बताया कि शव करीब एक सप्ताह से पुराने हैं। यानी कि चारों की मौत होली के आसपास या होली के बाद हुई है।
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