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प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बागपत जनपद में हत्या, हत्या का प्रयास, धोखाधड़ी के आरोपी व तस्कर भी लाइसेंसी हथियार लेकर घूम रहे हैं। ऐसा कोई एक-दो नहीं, बल्कि 50 से ज्यादा लोग हैं। अब यह मामला पकड़ में आने पर इन सभी के लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी की जा रही है।
एक शराब तस्कर ने मुकदमा दर्ज होने के बावजूद नाम बदलकर फर्जी कागजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस बनवा लिया था। जिसका खुलासा एक महीने पहले तब हुआ, जब उसने सीमा विस्तार के लिए फाइल शुरू की। एसपी कार्यालय में जांच के दौरान मामला पकड़ में आया।
उसे मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया और इसके बाद पुलिस की एक टीम बनाकर जांच शुरू कराई। जिसमें ऐसे लोगों की सूची तैयार की गई, जिनपर मुकदमा दर्ज है और इसके बावजूद उनपर लाइसेंसी हथियार है। इस तरह के 221 लोग मिले, जिनपर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी लाइसेंसी हथियार हैं। इनमें करीब 50 लोग ऐसे है, जिनपर हत्या, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी, तस्करी, लूट के गंभीर मामले दर्ज है। इसके बावजूद थानों से उनकी लाइसेंस निरस्तीकरण की रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही थी।
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इनपर कई मुकदमें होने पर लाइसेंसी निरस्तीकरण की रिपोर्ट तैयार
रटौल का जुनैद फरीदी, निवाड़ा का शेरा उर्फ शेर मोहम्मद व इंतजार अली, बागपत का नईम, सरूरपुर का जीत सिंह, बरसिया का फखरूद्दीन, रंछाड का समरपाल, धनौरा सिलवरनगर का किरण उर्फ किरनपाल, बिजवाड़ा का मनोज, फजलपुर का संजय, जोनमाना का जितेंद्र, बड़ौत का सोमकुमार, मलकपुर का यशवीर, खेड़ा का मोहकम, बड़ौत का मनोज, शिकोहपुर का नरेंद्र, बड़ौत का अनुज जैन, फौलादनगर का रियाज, निरपुड़ा का निश्चय राणा, खेकड़ा के नीलम धामा, रोहताश कुमार, जयवीर, अमित कुमार उर्फ पिंटू, सलावतपुर खेड़ी का बाबू, पांची का शाहिद अली, ढिक़ौली का अजय, मवीकलां का बलराज उर्फ बिल्लू शामिल है।
यहां हत्या, हत्या का प्रयास, तस्करी, धोखाधड़ी समेत अन्य गंभीर धाराओं में जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज है। उनके भी शस्त्र लाइसेंस बने हुए है। जिसकी रिपोर्ट तैयार कराई और लाइसेंस निरस्त करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। नीरज कुमार जादौन, एसपी
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