Barmana Cement Factory: ट्रक ऑपरेटरों की दो टूक, बोले- 1984 को नहीं दोहराए कंपनी

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बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री के बाहर खड़े ट्रक।

बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री के बाहर खड़े ट्रक।
– फोटो : संवाद

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 हिमाचल प्रदेश के बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री में काम बंद होने पर ट्रक ऑपरेटरों ने कंपनी को दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी 1984 की घटना को न दोहराए। कंपनी यदि स्थानीय लोगों का रोजगार छीनने की कोशिश करेगी तो ट्रक ऑपरेटर भी एकजुट होकर मोर्चा संभालेंगे। ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि 1984 में जिस तरह बाहरी राज्यों के ठेकेदारों को ढुलाई का काम देकर उनका रोजगार छीनने की कोशिश की गई, वैसी ही स्थिति कंपनी अब भी पैदा कर रही है। तब कड़े संघर्ष के बाद बीडीटीएस ने अपने हक को पाया था। अब भी वैसा ही आंदोलन करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। वहीं, ट्रक ऑपरेटर शुक्रवार को बैठक करेंगे, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। 

बीडीटीएस के पूर्व सचिव प्रेम लाल ठाकुर और ट्रक ऑपरेटर शेर सिंह ने बताया कि एसीसी फैक्ट्री के शुरू होने के एक साल बाद 1984 में कुछ बाहरी ठेकेदारों को कंपनी ने कुल माल ढुलाई का 35 प्रतिशत हिस्सा दे दिया था। तब बीटीडीएस के सिर्फ 163 ऑपरेटर ने आंदोलन शुरू किया, लेकिन कंपनी की मनमानी बढ़ती गई। संघर्ष के दौरान बाहरी ठेकेदारों की पांच गाड़ियां जलाई गई, जिसके  बाद कंपनी ने वार्ता के बुलाया था और बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का हिस्सा कम किया। ऐसी स्थिति फिर पैदा न हो, इसके लिए ट्रक ऑपरेटरों की मांगों का माना जाए। माल ढुलाई की डिमांड को फिर से 15,000 मीट्रिक टन किया जाए।

बीडीटीएस के पूर्व प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा कि कंपनी ने अनिश्चितकाल के लिए काम बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया है, उससे पूरे हिमाचल में बेरोजगारी बढ़ेगी। अदाणी समूह लोगों पर अपनी मनमानी थोपना चाहता है। बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों के किराए को घटाना चाहता है। यह छह रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से  किराया देना चाहते हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में छह रुपये में ट्रक ऑपरेटर को कुछ नहीं बचता है। प्रशासन और सरकार ने इस मुद्दे का हल नहीं किया तो पूरे प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों से आह्वान करेंगे कि वे हड़ताल में उनके साथ आएं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सभी ऑपरेटर बैठक करेंगे। बैठक में आगामी रणनीति बनाई जाएगी।

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 हिमाचल प्रदेश के बरमाणा सीमेंट फैक्ट्री में काम बंद होने पर ट्रक ऑपरेटरों ने कंपनी को दो टूक चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कंपनी 1984 की घटना को न दोहराए। कंपनी यदि स्थानीय लोगों का रोजगार छीनने की कोशिश करेगी तो ट्रक ऑपरेटर भी एकजुट होकर मोर्चा संभालेंगे। ट्रक ऑपरेटरों ने कहा कि 1984 में जिस तरह बाहरी राज्यों के ठेकेदारों को ढुलाई का काम देकर उनका रोजगार छीनने की कोशिश की गई, वैसी ही स्थिति कंपनी अब भी पैदा कर रही है। तब कड़े संघर्ष के बाद बीडीटीएस ने अपने हक को पाया था। अब भी वैसा ही आंदोलन करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। वहीं, ट्रक ऑपरेटर शुक्रवार को बैठक करेंगे, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी। 

बीडीटीएस के पूर्व सचिव प्रेम लाल ठाकुर और ट्रक ऑपरेटर शेर सिंह ने बताया कि एसीसी फैक्ट्री के शुरू होने के एक साल बाद 1984 में कुछ बाहरी ठेकेदारों को कंपनी ने कुल माल ढुलाई का 35 प्रतिशत हिस्सा दे दिया था। तब बीटीडीएस के सिर्फ 163 ऑपरेटर ने आंदोलन शुरू किया, लेकिन कंपनी की मनमानी बढ़ती गई। संघर्ष के दौरान बाहरी ठेकेदारों की पांच गाड़ियां जलाई गई, जिसके  बाद कंपनी ने वार्ता के बुलाया था और बाहरी राज्यों के ठेकेदारों का हिस्सा कम किया। ऐसी स्थिति फिर पैदा न हो, इसके लिए ट्रक ऑपरेटरों की मांगों का माना जाए। माल ढुलाई की डिमांड को फिर से 15,000 मीट्रिक टन किया जाए।

बीडीटीएस के पूर्व प्रधान रमेश ठाकुर ने कहा कि कंपनी ने अनिश्चितकाल के लिए काम बंद करने का तुगलकी फरमान जारी किया है, उससे पूरे हिमाचल में बेरोजगारी बढ़ेगी। अदाणी समूह लोगों पर अपनी मनमानी थोपना चाहता है। बरमाणा के ट्रक ऑपरेटरों के किराए को घटाना चाहता है। यह छह रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से  किराया देना चाहते हैं, लेकिन पहाड़ी क्षेत्र में छह रुपये में ट्रक ऑपरेटर को कुछ नहीं बचता है। प्रशासन और सरकार ने इस मुद्दे का हल नहीं किया तो पूरे प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों से आह्वान करेंगे कि वे हड़ताल में उनके साथ आएं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को सभी ऑपरेटर बैठक करेंगे। बैठक में आगामी रणनीति बनाई जाएगी।



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