प्रदेश में बत्ती गुल, मीटर चालू की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 में यह सच्चाई सामने आई है। आयोग के शिकायत निवारण मंचों के पास सबसे ज्यादा मीटर और बिल से संबंधित शिकायतें आई हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान नियामक आयोग की रिपोर्ट पटल पर रखी गई थी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बताया गया कि प्रदेशभर में एक साल में मीटर और बिजली बिल से जुड़े सबसे ज्यादा 698 मामले दर्ज किए गए, जबकि नए कनेक्शन, उपभोक्ता नाम परिवर्तन, गैर विद्युतीकरण क्षेत्र में बिजली, ब्रेकडाउन, लोड में बढ़ोतरी या कमी जैसे मामले बेहद न्यूनतम रहे हैं।
आयोग ने इन शिकायतों के निवारण को नौ शिकायत निवारण मंच भी बनाए हुए हैं। इन मंचों पर आईं सभी शिकायतों और उनके निवारण की विस्तृत जानकारी रिपोर्ट में दी गई है। नियामक आयोग अपने स्तर से भी मीटर जैसी शिकायतों के लिए यूपीसीएल को निर्देश दे चुका है। इसके लिए एक ऑनलाइन प्रक्रिया भी तैयार की जा रही है।
कहां कितनी शिकायतें
शिकायत निवारण मंच
मीटर की शिकायतें
देहरादून
92
हरिद्वार
100
श्रीनगर गढ़वाल
09
उत्तरकाशी
103
कर्णप्रयाग
112
हल्द्वानी
77
रुद्रपुर
170
अल्मोड़ा
13
पिथौरागढ़
22
(इसके अलावा लोकपाल के पास मीटरिंग और बिलों से संबंधित 28 अपील आईं।)
प्रदेश में बत्ती गुल, मीटर चालू की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 में यह सच्चाई सामने आई है। आयोग के शिकायत निवारण मंचों के पास सबसे ज्यादा मीटर और बिल से संबंधित शिकायतें आई हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान नियामक आयोग की रिपोर्ट पटल पर रखी गई थी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बताया गया कि प्रदेशभर में एक साल में मीटर और बिजली बिल से जुड़े सबसे ज्यादा 698 मामले दर्ज किए गए, जबकि नए कनेक्शन, उपभोक्ता नाम परिवर्तन, गैर विद्युतीकरण क्षेत्र में बिजली, ब्रेकडाउन, लोड में बढ़ोतरी या कमी जैसे मामले बेहद न्यूनतम रहे हैं।
आयोग ने इन शिकायतों के निवारण को नौ शिकायत निवारण मंच भी बनाए हुए हैं। इन मंचों पर आईं सभी शिकायतों और उनके निवारण की विस्तृत जानकारी रिपोर्ट में दी गई है। नियामक आयोग अपने स्तर से भी मीटर जैसी शिकायतों के लिए यूपीसीएल को निर्देश दे चुका है। इसके लिए एक ऑनलाइन प्रक्रिया भी तैयार की जा रही है।