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महज 23 साल की उम्र में देश की आजादी के लिए फांसी तख्ते को हंसते-हंसते झूलने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन हुआ था। गुरुवार को उनकी 116वीं जयंती के मौके पर जम्मू कश्मीर में जगह-जगह कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने शहीद-ए-आजम की प्रतिमा पर फूल-मालाएं चढ़ाकर उनके बहादुरी और उनके विचारों को याद किया।
जम्मू में शहीद भगत सिंह फाउंडेशन और गहना बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धांजलि दी। शहीद भगत सिंह चौक जम्मू में एक समारोह के आयोजन के दौरान सरकार की ओर से निःशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर भी लगाया गया। इस अवसर पर आयुर्वेदिक अस्पताल जम्मू की ओर से लगाए गए शिविर में करीब 900 लोगों को लाभ दिया गया।
वहीं, डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह पूर्व मंत्री ने कहा कि शहीद भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए अपना जीवन लगा दिया। अंग्रेजों ने उन्हें शहीद कर दिया और हमारी सरकारें आजादी के बाद भी ब्रिटिश सरकार को शहीद भगत सिंह और उनके साथियों पर किए गए अत्याचारों के लिए माफी मांगने के लिए मजबूर करने में विफल रहीं। उन्होंने शहीद भगत, राजगुरु और सुखदेव को गैरकानूनी तरीके से फांसी देने के लिए ब्रिटिश सरकार से माफी की मांग की। उन्होंने जम्मूवासियों से कहा कि वे अब जागें और अपने अधिकारों के लिए लड़ें अन्यथा शहीदों द्वारा दिया गया बलिदान व्यर्थ चला जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक था। इस अवसर पर केडी सिंह जम्वाल वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीएसएसपी ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए युवाओं से शहीदों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने और नशे से दूर रहने और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सतर्क रहने को कहा।
विजय शर्मा ने शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सुंदर कविता पढ़ी।अध्यक्ष डॉ. तरण सिंह ने कहा कि फाउंडेशन पिछले 35 वर्षों से इसी स्थान पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन समारोह का आयोजन कर रहा है और चौक का नाम शहीदों के नाम पर रखा गया है। उन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा स्थापित करने की मांग को स्वीकार करने के लिए क्षेत्र के लोगों और व्यापारियों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए जम्मू नगर निगम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक संगठनों सहित कई संगठन तीनों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद भगत सिंह चौक पर आते हैं। मौके पर एडवोकेट कमल गुप्ता महासचिव ज्वेल बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन समेत अन्य भी उपस्थित रहे। जम्मू में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें याद करते हुए उनकी शायरी भी पढ़ी गई। हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली, ये मुश्ते-खाक है फानी रहे न रहे… देशभक्ति से लबरेज यह लाइन शहीद-ए आजम ने अपनी जेल में अपनी डायरी में लिखी थी।
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