BHU में फर्जीवाड़ा: पीजी डिप्लोमा की छात्रा ने हेल्थ कार्ड पर करा दी दूसरे की एमआरआई, ऐसे पकड़ी गई चोरी

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BHU PG Diploma student got someone else MRI done on fake health card

बीएचयू अस्पताल
– फोटो : self

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बीएचयू अस्पताल में फर्जी हेल्थ कार्ड से जांच और इलाज कराने का मामला फिर पकड़ा गया है। पीजी डिप्लोमा की छात्रा ने अपने हेल्थ कार्ड पर दूसरे की एमआरआई करा दी। छात्रा को पकड़ा गया और उसे सख्त हिदायत दी गई। रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अमित नंदन धर द्विवेदी ने कहा कि रेडियोलॉजी विभाग में तैनात कर्मचारी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। 

दूसरी तरफ एक युवक ने भुगतान की मुहर लगी फर्जी रसीद दिखाकर एमआरआई कराने का प्रयास किया, लेकिन मामला पकड़ा गया। अब अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्था में बदलाव की तैयारी की है। प्रशासन का कहना है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाएगी।

फर्जी हेल्थ कार्ड मामले की जांच जारी

फर्जी हेल्थ कार्ड मामले की जांच चल रही है। इसके बावजूद फर्जीवाड़े पर रोक नहीं लग सकी। बीएचयू अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीज जो पर्चा कटवाते हैं, उस पर उनके नाम, उम्र के साथ बीएचयू की ओर से एमआरडी नंबर दिया जाता है। इससे मरीज का पूरा ब्योरा मिलता है।

चार दिसंबर को एक युवक एमआरआई कराने स्वागत कक्ष पहुंचा। वहां उसने एमआरआई की फीस जमा करने की जो रसीद दी, उस पर भुगतान की मुहर भी लगी थी। जांच फार्म पर चार दिसंबर 2023 पहले से लिखा था, उसको काटकर दो दिसंबर बनाया गया था। युवक ने दो तारीख पर जांच न होने की बात कहकर फीस वापस लेने की बात कही। 

इसी बीच एक अन्य व्यक्ति जांच फीस की सही जमा रसीद लेकर पहुंचा, उसने भी जांच न होने और फीस वापस लेने की बात कही। रेडियोलॉजी विभाग में घटी इस घटना की सूचना प्रॉक्टोरियल बोर्ड को दी गई। इस पर 13 दिसंबर को आईएमएस बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम दोनों रसीद को लेकर बीएचयू में फीस जमा करने वाले काउंटर पर पहुंची। यहां काउंटर पर मौजूद कर्मचारी ने देखा और जब रसीद का मिलान किया तो देखा कि सही और फर्जी दोनों रसीद पर एमआरडी नंबर एक ही था। इससे पकड़ में आया कि सही एमआरडी नंबर पर सही व्यक्ति का नाम दर्ज था।

क्या कहते हैं अधिकारी

बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर प्रो. शिवप्रकाश सिंह ने बताया कि अस्पताल में फर्जी रसीद लगाने और हेल्थ डायरी पर जांच करवाने की घटना की जानकारी मिली है। मामले में रेडियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष से बातचीत कर व्यवस्था को पहले से और पारदर्शी बनाया जाएगा, जिससे कि दुबारा इस तरह की घटनाएं न हो। 

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