Bihar: अब भीमनगर कोसी बैराज से छोड़ा गया लाखों क्यूसेक पानी; बाढ़ को लेकर लोगों ने जाहिर किया अपना डर

[ad_1]

Lakhs of cusecs of water released from Bhimnagar Kosi barrage in Madhubani; People expressed fear about flood

कोसी नदी, मधुबनी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


बिहार से सटे नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। इसके कारण कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। इस वजह से मधुबनी में बाढ़ का खतरा प्रबल होता जा रहा है। शनिवार की अहले सुबह दो बजे भीमनगर कोसी बैराज से एक लाख सात हजार 255 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे पूर्व शुक्रवार को भीम नगर कोसी बराज से एक लाख पांच हजार 65 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। लोगों को बाढ़ का खतरा सता रहा है और वे काफी डरे-सहमे हुए हैं।

पहले से ही कोसी नदी के बढ़ते पानी को लेकर जिले के मधेपुर प्रखंड के बकुआ, गुड़गांव पंचायत के राधिकापुर, बनगांव गांव में कटाव लगातार होता जा रहा है। गुड़गांव और बकुआ पंचायत के दर्जनों गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जबकि जल संसाधन विभाग के द्वारा लाखों रुपये उसी कार्य के लिए खर्च किए गए थे। लेकिन उसके बावजूद भी कटाव नहीं रुक पा रहा है। इसे लेकर लोगों में काफी आक्रोश है।

कटाव कार्य की समीक्षा में सामने आईं कमियां

बनगांव निवासी राधेश्याम यादव ने बताया कि कोसी नदी में जल संसाधन विभाग के द्वारा कटाव कार्यों की समीक्षा की गई थी। उसमें पता चला कि बांस के पिलर 10-10 फुट पर लगाए गए थे, जो कामयाब नहीं हो सके। करीब 20 फुट जमीन में गड्ढा हो चुका है और करीब 10-20 कट्ठा जमीन में कटाव हो चुका है। हम लोगों का सारा खेत कटता जा रहा है।

‘…तो हम लोग बेघर हो जाएंगे’

राधिकापुर गांव निवासी नूनू मुखिया ने बताया कि पिलर नजदीक नहीं थे, 10 फुट पर पिलर लगाए गए थे। इस कारण मजबूत काम नहीं होने के कारण कटाव नहीं रुक पाया है। वहीं, राधिकापुर निवासी महिला लीला देवी ने बताया कि लोगों का खेत तो जा ही चुका है और घर पर खतरा मंडराता जा रहा है। इसका समाधान सरकार के द्वारा नहीं किया गया तो हम लोग बेघर हो जाएंगे। हम लोगों का घर भी उसी नदी की धारा में बह जाएगा। इसलिए सरकार हम लोगों के लिए व्यवस्था करे।

‘बाढ़ आने के समय सक्रिय होता है जल संसाधन विभाग’

पुलिया देवी ने बताया कि हम लोगों का सहारा कुछ नहीं है। हम लोगों का जीना दूभर होता जा रहा है। महिलाओं में काफी डर समाया हुआ है। वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि अगर बाढ़ से पहले कार्य सही से किया जाता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। विभाग द्वारा सिर्फ खाना पूर्ति की जाती है। बाढ़ आने के समय जल संसाधन विभाग सक्रिय हो जाता है। फिलहाल लोग बाढ़ के डर से रतजगा करने को मजबूर हैं।

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *