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उपेंद्र कुशवाहा।
– फोटो : अमर उजाला
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जदयू द्वारा अतिपिछड़े और दलित टोलों में आयोजित कार्यक्रम के सवाल राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जदयू वालों को मालूम हैं कि अब न उनके साथ अतिपिछड़ा है और न ही दलित समाज है। उनको पता होना चाहिए कि पोस्टर लगाने और पर्चा बांटने से वोट नहीं मिलने वाला है। अतिपिछड़ों और दलित समाज का इश्यू है, उसका समाधान होना चाहिए। जब मौका मिला तो नीतीश कुमार ने काम नहीं किया था। उन्होंने (सीएम नीतीश कुमार) कहा तो था कि जिनके पास जमीन नहीं है उनको तीन डिसमिल जमीन दिया जाएगा लेकिन कहां जमीन मिली। लोग तो आक्रोशित होंगे ही। अब आप झंडा लगा दीजिए या बैनर-पोस्टर, वह वोट नहीं देने वाले हैं।
कुशवाहा बोले- अंड-बंड बोलते हैं ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव के लाठीचार्ज और फायरिंग करने वाले बयान के सवाल पर कुशवाहा ने कहा कि ऊर्जा मंत्री खुद ऊर्जा विहीन हो गए। वह जिस उम्र के पड़ाव पर हैं, नीतीश कुमार के शब्दों में अंड-बंड बोलते हैं। उम्र के इस पड़ाव में हैं। मंत्रि परिषद के सबसे बुजुर्ग सदस्य हैं। इतने बुजुर्ग ऊर्जा मंत्री है, उनके बारे में क्या कहा जाए। आंदोलन करना जनतंत्र में सबका अधिकार है। अब कोई आंदोलन करे, उसपर गोली चले और कोई मंत्री इस तरह की बात करे यह तो आश्चर्य है।
किसानों के लिए बिजली की व्यवस्था करवानी चाहिए
कटिहार में जिन कारणों को लेकर प्रदर्शन हुआ। वह स्थिति पूरे बिहार में है। किसानों को बिजली नहीं मिल रही। बारिश नहीं होने कारण सूखा की स्थिति है। जहां सूखा है कि वहां खेत में सिंचाई करनी पड़ेगी। इसके लिए किसान बिजली पर आश्रित हैं। बिजली नहीं रहेगी तो लोगों में तो आक्रोश तो होगा। अब आक्रोश व्यक्त करने के लिए लोग सड़क पर निकलते हैं तो उनको पुलिस गोली मारते हैं। मौत होती है और बात को लेकर इधर से उधर करते हैं। इस घटना पर सरकार को अविलंब ध्यान देना चाहिए। पूरे बिहार में जो आक्रोशित किसान हैं, उनके लिए बिजली की व्यवस्था करवानी चाहिए। जो इस घटना में जिम्मेदार लोग हैं, उनपर 302 के तरह मुकदमा होना चाहिए। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। बिहार सरकार को बात को इधर से उधर करके बात टाल नहीं देना चाहिए।
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