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सदर अस्पताल जमुई के गेट पर तैनात गार्ड
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार के जमुई सदर अस्पताल में एक मरीज को यूरिन बैग (पेशाब की थैली) की जगह अस्पताल कर्मियों ने कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगा दी थी। यह खबर मीडिया कर्मियों ने प्रमुखता से कवर कर लोगों को सच्चाई से रूबरू करवाया था। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की काफी आलोचना हुई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे। इससे नाराज सीएस डॉक्टर कुमार महेंद्र प्रताप ने अस्पताल परिसर में तैनात गार्डों को निर्देश दे दिया कि कोई भी मीडियाकर्मी अस्पताल परिसर में प्रवेश न कर सके।
दरअसल, बुधवार को सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक ऐसा मामला उजागर हुआ जिसने लोगों को हैरान कर दिया। मंगलवार की देर रात झाझा रेल पुलिस ने रेलवे ट्रैक से घायल अवस्था में एक 60 साल के बुजुर्ग को बरामद किया था। उसके बाद बुजुर्ग को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। फिर उसे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां स्वास्थ्य कर्मियों ने यूरिन बैग के अभाव में कोल्ड ड्रिंक की बोतल बुजुर्ग के यूरिन निकलने वाले रास्ते में लगा दी थी। इस कुव्यवस्था का वीडियो बुधवार की सुबह मीडिया कर्मियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया था, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों में हडकंप मच गया। उसके बाद इस कुव्यवस्था का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जिसने भी यह वीडियो देखा वह स्वास्थ्य व्यवस्था पर तरह-तरह के सवाल खड़े करने लगा। कोई कहने लगा कि यह जानलेवा है। वहीं, किसी ने इसे मरीजों के साथ खिलवाड़ बताया। हालांकि कुछ घंटों के बाद मरीज की मौत हो गई थी।
वहीं, इस व्यवस्था में सुधार लाने के बजाय सीएस डॉक्टर कुमार महेंद्र प्रताप ने मीडिया कर्मियों के अस्पताल में प्रवेश करने पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया। साथ ही सदर अस्पताल के मुख्य गेट पर चार गार्ड को तैनात कर दिए, जिससे लोगों में चर्चाएं हो रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, जमुई सदर अस्पताल में कुव्यवस्था और डॉक्टरों व कर्मियों की लापरवाही आए दिन देखने को मिलती रहती है। इस वजह से मरीज और उनके तीमारदार अस्पताल परिसर में हंगामा भी करते रहते हैं। जमुई की स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत कैसी है, यह लोगों से छिपा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों के द्वारा तरह-तरह के दावे के बावजूद भी सदर अस्पताल में किसी न किसी बात को लेकर हर दिन मरीजों का हंगामा होता रहता है। इसकी सच्चाई दिखाने पर हर दिन मीडिया कर्मियों को स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कहासुनी का सामना करना पड़ता है।
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