Bihar: गया में ताइवानी नागरिकों ने किया पिंडदान, पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए सनातन परंपरा से पूजन अर्चन किए

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Taiwanese citizens performed Pind Daan in Gaya worshiped with Sanatan tradition for peace of ancestors souls

ताइवानी पि्ंडदान करते हुए
– फोटो : अमर उजाला

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विश्व प्रसिद्ध गया धाम तीर्थ में मंगलवार को अद्भूत नजारा देखने को मिला। गया जी की पवित्र फल्गु नदी के देव घाट पर ताइवान से आए नागरिकों ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सनातन परंपरा का पालन करते हुए पिंडदान का अनुष्ठान किया।

बताते चलें कि कि गया जी तीर्थ को मोक्ष भूमि कहा जाता है। मान्यता है कि यहां पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान करने से पुरखों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्त होती है। गया जी में बहने वाली फल्गु नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है। भगवान श्री राम ने भी लक्ष्मण और माता सीता के साथ गयाजी पधारे थे और अपने स्वर्गीय पिता राजा दशरथ के लिए फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किया था, जिसकी वजह से फल्गु नदी के उस तट को सीताकुंड के नाम से प्रसिद्ध। ऐसी पुराणों में वर्णित है। वहीं, फल्गु नदी के तट पर सात की संख्या में गया जी आए ताइवान के स्त्री और पुरुषों ने घंटों बैठकर पिंडदान और तर्पण किया।

इस संबंध में साथ आए टूरिस्ट गाइड ने बताया कि ये लोग बुद्धिस्ट हैं। जो बोध गया, राजगीर, नालंदा सहित अन्य बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का परिभ्रमण करने भारत आए हुए हैं। इन लोगों ने जब गयाजी के महत्वों की जानकारी मिली तो गयाजी आए और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करने विष्णु पद पहुचे हैं। वहीं, ताइवानी नागरिकों ने बताया कि अपने पिता, दादा, दादी एवं अन्य पूर्वजों के लिए पिंडदान कर उन्हें काफी खुशी हो रही है।

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