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फतुहा में विजय सिंह के अंतिम संस्कार में पहुंचे भाजपा नेता।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गुरुवार को पटना में भाजपा के जहानाबाद जिला महामंत्री विजय सिंह की मौत की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। भाजपा को ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के क्रम में कई सवालों से पाला पड़ा। मृतक विजय सिंह और सरकार के उस गवाह की जाति का भी सवाल आया। विजय सिंह के कपड़ों की हालत पर भी सवाल उठा। गिरने वाली जगह का सीसीटीवी फुटेज नहीं मिलने का भी सवाल आया और मिले फुटेज की वीडियो क्वालिटी पर भी। जहानाबाद के भाजपा जिलाध्यक्ष ने सरकारी दावे को सिरे से खारिज करते हुए यहां तक कह दिया कि राजधानी में बेरहमी से डंडे बरसा रहे थे, लोग जान बचाकर भाग रहे थे तो हर जगह का वीडियो दिखाओ।
जाति का सवाल क्यों उठा, पहले यह जान लें
जहानाबाद भूमिहारों के प्रभाव का इलाका है और विजय सिंह की मौत के बाद यह हल्ला भी उड़ा कि वह भी चंद्रवंशी थे। इस हल्ले को हवा इसलिए भी मिली, क्योंकि सरकार ने अस्पताल में मौजूद जहानाबाद के एक व्यक्ति भरत प्रसाद चंद्रवंशी का करीबी बताकर वीडियो जारी किया। सरकार ने प्रत्यक्षदर्शी बताकर वीडियो जारी किया, जबकि यह प्रचारित होने लगा कि दोनों रिश्तेदार हैं और साथ थे। फिर जानकारी आई कि विजय सिंह के गांव का नाम बड़ी कलपा है। इससे भूमिहार होने का हल्ला उड़ा, क्योंकि इस गांव में इस जाति का प्रभाव है। हकीकत में वह छोटी कल्पा के थे, जिसे कल्पा खुर्द भी कहा जाता है। यहां राजपूत लोग ज्यादा हैं। हल्ला तो यह भी उड़ा कि जब राजपूत होने की जानकारी पक्की हुई तो इस जाति की भावनाओं का ख्याल रखते हुए सरकार ने आननफानन में क्षत्रिय नेता आनंद मोहन की रिहाई को सही बताने वाला हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दायर करा दिया। यह संयोग भले हो, लेकिन राजनीतिक हलके में इस बात की शुक्रवार को खूब चर्चा रही।
नीतीश सरकार के खिलाफ BJP का हल्लाबोल
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