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चावल के मांड़ में झुलसी बच्ची का अस्पताल में चल रहा इलाज
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार के औरंगाबाद से घरेलू विवाद को लेकर चाची द्वारा मासूम भतीजी पर खौलते हुए चावल का मांड़ उड़ेल दिए जाने का मामला सामने आया है। हद तो यह है कि घटना के 16 दिन गुजरने के बाद भी पुलिस ने मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। पीड़ित बच्ची का बाप अब न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। घटना जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के शिवगंज की है। मासूम बच्ची का औरंगाबाद सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में इलाज चल रहा है।
पीड़ित बच्ची के पिता अरुण कुमार ने बताया कि पिछले माह 17 सितंबर को घरेलू झगड़े में उसके भाई की पत्नी ने मेरी तीन साल की बेटी काजल को गर्म माड़ में धक्का दे दिया था। उस वजह से वह गंभीर रूप से झुलस गई थी। उसी मासूम बेटी का वह सदर अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। बेटी अस्पताल के शिशु वार्ड में घटना के दिन से भर्ती है। इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने वे मदनपुर थाना गए थे। लेकिन थानाध्यक्ष ने अब तक मामले की प्राथमिकी दर्ज नहीं की है। वह मासूम के साथ हुए अन्याय के लिए इंसाफ चाहते हैं। इसी वजह से वह न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं। पिता ने वरीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।
‘जांच में झूठा पाया गया मामला’
इस मामले में पूछे जाने पर मदनपुर थानाध्यक्ष शशि कुमार राणा ने कहा कि मामले की शिकायत आई थी। शिकायत की जांच की गई तो मामला असत्य पाया गया। मासूम बच्ची पर उसकी चाची ने चावल का मांड़ नहीं उड़ेला था। बल्कि बालिका की मां जब चावल पसा रही थी तो बच्ची पास में खेल रही थी। इसी दौरान वह मांड़ में गिरकर झुलस गई। गांव के सामाजिक कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों ने भी इस सच्चाई को पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है। आप भी इनके गांव के लोगों से पता लगा सकते हैं। पुलिस ने कहा कि दरअसल बच्ची की चाची विधवा महिला है। उसका एक बेटा सरकारी नौकरी में है। इसे लेकर ही दूसरे पक्ष में जलनखोरी है। इसी कारण हादसे को हिंसा का रंग देकर प्राथमकी दर्ज कराने की कोशिश की गई, जिसे पुलिस ने जांच कर विफल कर दिया। इसी वजह से पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है।
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