Bihar : चिराग की पार्टी के पद से हुलास पांडेय का इस्तीफा; बोले- राजनीति के कारण सीबीआई के किसी अफसर ने फंसाया

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Bihar News : brahmeshwar mukhiya murder case accused hulas pandey resigns from chirag paswan party post

पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय।
– फोटो : अमर उजाला

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चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए सोमवार को पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय ने मीडिया के सामने आकर ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में फंसाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत सारे नेता अनैतिक रूप से पदों पर बैठे हैं, लेकिन चूंकि सीबीआई के आरोपपत्र में 10-11 साल बाद भी मेरा नाम जोड़ा गया है तो चार्जशीटेड होने के कारण पार्टी के दिए पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय ब्रह्मेश्वर मुखिया से मेरी कोई लड़ाई नहीं थी। उनकी मौत से कोई फायदा मिलना नहीं था, न मिला। इसमें 10 लाख का इनाम रखा गया था। संभव है कि उसी इनाम के लिए किसी बेरोजगार को खड़ा कर किसी अफसर ने मुझे फंसाने की साजिश रची हो।

हमारी पार्टी को बदनाम करने की है साजिश 

हुलास पाण्डेय ने कहा कि मीडिया के माध्यम से हमें ज्ञात हुआ कि 10-12 साल पुराने हत्याकांड में सीबीआई ने हमें आरोपित किया है। जिस तरीके से इस हत्याकांड में हमारा नाम जोड़ा जा रहा है इसमें कतई भी सच्चाई नहीं है। हुलास पाण्डेय ने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता। यह घटना लगभग 2012-13 की है और अब 2023 हो गया। उन्होंने कहा कि 10 वर्षों के बाद हमारे नाम का जोड़ना अपने आप में यह संकेत देता है कि कहीं ना कहीं इसमें राजनीतिक षड्यंत्र हुआ। जब जब चुनाव आता है तब ऐसी घटनाओं का जिक्र करके हमारे माध्यम से हमारी पार्टी को घेरने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने दलील देते हुए कहा कि आप भोजपुर जिला में जाइए, गांव के प्रत्येक लोगों से मिलिए, आरा शहर में घुमिये और लोगों से मिलिए तो आपको सच्चाई  पता चल जाएगी कि गांव और शहर के लोग क्या चर्चा करते हैं।

राजनीति के कारण सीबीआई के किसी अफसर ने फंसाया

हुलास पाण्डेय ने कहा कि सीबीआई को जो करना था उन्होंने अपना काम कर दिया है। सीबीआई से हमारा कोई विरोध नहीं है। सीबीआई में जरूर कुछ ऐसे पदाधिकारी बैठे हैं जिन्होंने हमारे राजनीतिक विरोधी या विरोधी पार्टियों से मिलकर हमारे नाम को जोड़कर हमारी पार्टी को बदनाम करने का काम किये हैं। लेकिन हम ऐसा होने नहीं देंगे। मैंने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है ताकि किसी को यह कहने का मौका नहीं मिले कि आरोप पत्र गठित होने के बाद भी अपने पद पर कैसे बने हुए हैं। और वैसे भी बिहार की स्थिति और देश की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। कितने लोग मंत्रिमंडल में शोभा बढ़ा रहे हैं कितने लोग किस-किस पद पर शोभा बढ़ा रहे हैं लेकिन हमारी नैतिक जिम्मेवारी है। हुलास पाण्डेय ने कहा कि पार्टी हमारी मां के समान है इसलिए जब मुझ पर आरोप लगा है तो अपने नैतिकता के आधार पर हमने अपना इस्तीफा दे दिया है।

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