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मुख्यमंत्री नीतीश के साथ अभय कुशवाहा (फाइल फोटो)
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक उठा-पटक भी देखने को मिल रही है। इसी सिलसिले में गया के जदयू जिलाध्यक्ष सह पूर्व टिकारी विधायक अभय कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कार्यकर्ताओं को सम्मान न देने का आरोप लगाया है। जदयू जिलाध्यक्ष सह टिकारी के पूर्व विधायक अभय कुशवाहा ने खुद इस बात की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप
अभय कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने के लिए दस बार से ऊपर अर्जी पर अर्जी लगाई, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में पार्टी में रहना उचित नहीं था। कुशवाहा ने कहा कि जहां से मैंने राजनीतिक शुरू किया था, फिर वापस वहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राजद में शामिल होंगे। वहीं, राजद की टिकट पर औरंगाबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि अगर महागठबंधन औरंगाबाद सीट से चुनाव लड़वाता है तो हम जरूर लड़ेंगे।
जानिए क्या है अभय कुशवाहा का राजनैतिक सफर
टिकारी पूर्व विधायक सह जदयू जिलाध्यक्ष अभय कुशवाहा 2010 में बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक सभा में राजद के युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर जदयू में शामिल हुए थे। 2015 में महागठबंधन के सीट से टिकारी विधानसभा क्षेत्र से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़े जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई। उसके बाद 2020 में बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से जदयू के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें राजद प्रत्याशी डा. सुरेंद्र प्रसाद से करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि पूर्व विधायक अभय कुशवाहा का राजनैतिक सफ़र 2000 से शुरू हुआ था। 2000 में गया शहर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। उसके बाद 2005 में कुजापी पंचायत से मुखिया निर्वाचित हुए। उस समय वह राष्ट्रीय जनता दल के युवा नेता थे।
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