[ad_1]

NIA
– फोटो : Social Media
विस्तार
वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मगध क्षेत्र में नक्सलवाद को फिर से सक्रिय करने के एक मामले में पटना में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के दो कैडरों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि कैमूर के रोहित राय उर्फ प्रकाश उर्फ मनोज उर्फ पत्रकार उर्फ नेताजी और औरंगाबाद के प्रमोद यादव उर्फ प्रमोद कुमार के खिलाफ शुक्रवार को पटना की विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया।
एनआईए के मुताबिक, राय सब-जोनल कमांडर के पद पर था। वह अपने क्षेत्र में कैडर को माओवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रहा था। अधिकारी ने कहा कि वह लेवी वसूलने में शामिल था। साथ ही कमजोर युवाओं को सीपीआई (माओवादी) के लिए भर्ती करने की कोशिश कर रहा था। वहीं, सीपीआई (माओवादी) का पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद यादव प्रतिबंधित संगठन के लिए धन जुटाने के अलावा, उत्तरी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में माओवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा था।
जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है। दोनों को दो पिस्तौल और जिंदा कारतूस, सीपीआई (माओवादी) की मगध जोनल संगठन समिति की एक पुस्तिका, लेवी रसीदें और एक मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए ने पिछले साल 26 सितंबर को मामले की जांच शुरू की थी। जांच में सामने आया कि राय ने यादव और अन्य के साथ मगध क्षेत्र में सीपीआई (माओवादी) को फिर सक्रिय करने के लिए आठ जून को औरंगाबाद के माही गांव में एक बैठक की थी। उस बैठक में संगठन की गतिविधियों को मजबूत करने के लिए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, ठेकेदारों, टोल प्लाजा और अन्य ऐसी संस्थाओं से लेवी वसूलने के बारे में कहा गया था।
जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा कि वे अपने उद्देश्य और प्रभाव (रौब) को आगे बढ़ाने, अवैध गतिविधियों को अंजाम देने और अधिक कैडरों को प्रेरित करने तथा भर्ती करने में लगे हुए थे। उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि धन जुटाने के अलावा, आरोपी सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के साथ विभिन्न व्यक्तियों की बैठकें आयोजित करने में भी शामिल थे। साथ ही वे प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा के प्रचार-प्रसार में भी सक्रिय रूप से शामिल थे। प्रवक्ता ने आगे कहा कि दोनों के पिछले आपराधिक रिकॉर्ड हैं और कैमूर तथा औरंगाबाद जिलों में उनके नाम पर एफआईआर भी दर्ज हैं।
[ad_2]
Source link